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उसे 10 वर्ष की सजा दी गई। शीर्ष कोर्ट ने उसे गिरफ्तार न करने की याचिका 2011 अगस्त में खारिज कर दी। इसी दौरान वह ब्रिटेन भाग गया।
भारत में वांटेड एक अंग्रेज भगोड़े आइवर फ्लेचर का प्रत्यर्पण करने से लंदन हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस आशंका में इनकार कर दिया कि वह यहां आकर आत्महत्या कर लेगा। फ्लेचर को 10 किलो मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में 10 साल की सजा दी गई है। उसने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसे स्वीकार करते हुए जस्टिस मार्टिन चेंबरलेन ने कहा कि उसे भारत भेजना शोषण करना होगा।
खास बात है कि भारत सरकार ने ब्रिटेन को आश्वासन दिया था कि अपराधी द्वारा भारतीय जेल में आत्महत्या करने का जोखिम कम किया जाएगा। उसे हिमाचल प्रदेश की कांडा स्थित मॉडल जेल में रखा जाएगा, विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा इलाज भी दिलाया जाएगा।
लेकिन कोर्ट इससे मुतमईन नहीं हुई। उसने माना कि अपराधी की मनोदशा व शारीरिक दशा दोनों खराब हैं। फ्लेचर को कुल्लू में चरस के साथ पकड़ा गया था। उसे 10 वर्ष की सजा दी गई। शीर्ष कोर्ट ने उसे गिरफ्तार न करने की याचिका 2011 अगस्त में खारिज कर दी। इसी दौरान वह ब्रिटेन भाग गया।
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