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सेंट्रल बैंक के गवर्नर के देश से बाहर जाने पर स्थानीय अदालत ने लगाई रोक, भारत ने कहा- श्रीलंका की मदद करना रखेंगे जारी

Renuka Sahu
8 April 2022 4:15 AM GMT
सेंट्रल बैंक के गवर्नर के देश से बाहर जाने पर स्थानीय अदालत ने लगाई रोक, भारत ने कहा- श्रीलंका की मदद करना रखेंगे जारी
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फाइल फोटो 

श्रीलंका में जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका (Sri Lanka) में जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) गहराता जा रहा है. ऐसे में इन सभी से निपटने के लिए सरकार अपनी योजनाओं को बनाने में जुट गई है. हालांकि, देश में ईंधन और दवाओं की कमी हो गई है, जिसके चलते लोग लगातार प्रदर्शन (Protest in Sri Lanka) कर रहे हैं. आर्थिक संकट को दूर करने में नाकामयाब रहे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) पर लगातार जनता की तरफ से इस्तीफा दने का दबाव बनता जा रहा है. हालांकि, श्रीलंका सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राजपक्षे किसी भी सूरत में अपने पद से इस्तीफा नहीं देने वाले हैं.

भारत मुसीबत की इस घड़ी में श्रीलंका सरकार (Sri Lanka Government) की मदद करने के लिए आगे आया है. भारत ने कहा है कि वह श्रीलंका को पड़ोस प्रथम नीति के तहत सहयोग देना जारी रखने को तैयार है और वहां के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहा है. वहीं, सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर अजित निवार्ड कारबाल के देश छोड़कर जाने पर रोक लगाई गई है. श्रीलंका सरकार ने अर्थव्यवस्था को मुसीबत में फंसता हुआ देख एक सलाहकार समिति को नियुक्त किया है, जो देश के बढ़ते कर्ज संकट को दूर करने में मदद करने का काम करेगी. ऐसे में पढ़ें श्रीलंका आर्थिक संकट से जुड़े सभी अपडेट्स…
सेंट्रल बैंक के गवर्नर के देश छोड़ने पर लगी रोक
सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर अजित निवार्ड कारबाल के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है. एक स्थानीय अदालत ने ये फैसला सुनाया है. कारबाल ने इस सप्ताह के शुरू में अपने पद से इस्तीफा दिया था. कोलंबो की मुख्य मजिस्ट्रेट अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता कीर्ति तेन्नाकून की ओर से दायर एक मामले में यह आदेश जारी किया. याचिकाकर्ता ने सेंट्रल बैंक के गवर्नर के पद पर 2006 और 2015 के बीच कारबाल के पहले कार्यकाल के दौरान की कथित गड़बड़ियों का हवाला देकर याचिका दायर की है. मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के अनुसार, 67 वर्षीय काबराल को 18 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होना है.
आर्थिक संकट से निकलने के लिए बनाई गई सलाहकार समिति
श्रीलंका की सरकार ने मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बात करने के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया है. इसमें प्रमुख आर्थिक और वित्तीय विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. राष्ट्रपति मीडिया डिवीजन द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, बहुपक्षीय जुड़ाव और ऋण स्थिरता पर राष्ट्रपति सलाहकार समूह में सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के पूर्व गवर्नर और राष्ट्रमंडल सचिवालय के आर्थिक मामलों के विभाग के पूर्व निदेशक इंद्रजीत कुमारस्वामी शामिल हैं.
श्रीलंका को सहयोग देना जारी रखेगा भारत
भारत ने गुरुवार को कहा कि वह गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को उसकी आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने में पड़ोस प्रथम नीति के तहत सहयोग देना जारी रखने को तैयार है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा हमारा (भारत-श्रीलंका) सहयोग साझी बातों एवं हितों पर आधारित है और यह हाल के महीनों में मजबूत हुआ है. एक पड़ोसी और करीबी मित्र के रूप में भारत श्रीलंका में उभरती आर्थिक स्थिति और अन्य घटनक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों के पेश आ रही कुछ आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिये भारत ने पिछले तीन महीने में पड़ोसी देश को 2.5 अरब डालर की सहायता प्रदान की है. प्रवक्ता ने बताया कि इस ऋण सुविधा में खाद्यान्न एवं ईंधन शामिल है और मध्य मार्च तक श्रीलंका को 2,70,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई.
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