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लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई उचित व्यवस्था नहीं की जा रही हैं.
एक तरफ बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन नए प्रधानमंत्री की तलाश में लगा है और इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही ह. वहीं दूसरी ओर यहां की एक और समस्या ने मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. दरअसल, ब्रिटेन में महंगाई 9% तक बढ़ गई है. इससे वहां पढ़ने वाले विदेशी स्टूडेंट्स के सामने लिविंग क्राइसिस तेजी से बढ़ रहा है. ये स्टूडेंट किराया नहीं दे पा रहे हैं. अभी तक जो छात्र अपने रिश्तेदारों के घर पर रह रहे थे, बढ़ती महंगाई के कारण उन्होंने भी हाथ खरे कर दिए हैं और अधिकतर जगह इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. ऐसे में कुछ छात्र सड़क पर सोने को मजबूर हैं.
12 प्रतिशत स्टूडेंट्स के पास नहीं है छत
लोकल मीडिया की रिपोर्ट की मानें तो कोई स्टूडेंट अपने दोस्तों के यहां जाकर रह रहा है, तो कोई पार्ट टाइम जॉब तलाश रहा है, ताकि इस समस्या से बाहर निकला ज सके और एक रूम लेकर रहा जा सके. अभी इस संकट के बाद लगभग 12% स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनके पास कोई छत नहीं है. 5.3% ड्रॉप आउट छात्र और हाल ही में पासआउट हुए छात्र भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा हायर एजुकेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (हेपी) में पब्लिश हुए नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट इन स्कॉटलैंड के सर्वे में हुआ है.
महंगाई बढ़ने से छात्र हो रहे परेशान
रिपोर्ट में कहा गया है कि, एक तो गर्मी ने परेशान कर रखा है, उस पर से अब छत भी छिन जाने से छात्र परेशान हो रहे हैं. यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए शहरों में रह रहे दूसरे देशों के स्टूडेंट्स को भोजन और बिजली के बढ़े हुए दाम सबसे ज्यादा मार रहे हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि हम इतनी बड़ी समस्या से गुजर रहे हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई उचित व्यवस्था नहीं की जा रही हैं.
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