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लान्ग मार्च राकेट्स की इसी तरह की अनियंत्रित रीएंट्री 2020 और 2021 में हुई थी।
दुनिया के कई देश इस समय नए-नए सैटेलाइट और राकेट लांच करने की होड़ में लगे है। लेकिन लांच के बाद अंतरिक्ष में जाकर एक समय के बाद यह राकेट मलबा बन जाते हैं। ये मलबा सक्रिय उपग्रहों और धरती पर रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा ही खतरा तब सामने आया जब चीन द्वारा हाल ही में लांच किए गए चीनी रॉकेट से लगभग 25 टन अंतरिक्ष मलबा हिंद महासागर (Indian Ocean) के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त होकर गिरा। यह बोर्नियो द्वीप पर मलेशियाई राज्य सरवाक के पास गिरा है। अमेरिकी अंतरिक्ष कमान ने एक ट्वीट में इसकी पुष्टि की।
ज्यादातर हिस्से अतरिक्ष में ही जल गए
शनिवार की देर रात चीन का लांग मार्च 5बी (सीजेड-5बी) राकेट ( Long March 5B rocket) के ज्यादातर हिस्से अतरिक्ष में ही जल गए। जो बाद में हिंद महासागर के ऊपर गिरे। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म वीबो पर कहा कि रॉकेट सरवाक के आसपास उसी क्षेत्र के पास फिर से घुसा और इसका अधिकांश हिस्सा जलकर खाक हो गया। बता दें कि इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है, हालांकि हम इसकी पुष्टी नहीं करते हैं।
नासा ने जताई नाराजगी
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने ट्विटर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना ने विशिष्ट प्रक्षेपवक्र जानकारी साझा नहीं की कि उनका लॉन्ग मार्च 5 बी रॉकेट वापस पृथ्वी पर गिर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों को तय नियमों का पालन करना चाहिए और संभावित मलबे जोखिम की विश्वसनीय भविष्यवाणियों की अनुमति देने के लिए इस प्रकार की जानकारी को अग्रिम रूप से साझा करना चाहिए।
नहीं तो हो जाता भारी नुकसान...
नासा अधिकारी ने कहा कि लांग मार्च 5 बी जैसे भारी-भरकम राकेट का गिरना भारी नुकसान हो सकता था। उन्होंने कहा कि यदि ये किसी बसावट वाली जगह गिरता तो जानमाल का काफी नुकसान होता। बता दें कि जो मलबा गिरा है उसकी ऊंचाई 53.6 मीटर है।
तीसरी बार गिरा चीन का राकेट
बता दें कि यह चीन का तीसरा लांग मार्च 5B लांच है जो तीसरी बार ही आउट-आफ-कंट्रोल लैंडिंग किया है। लान्ग मार्च राकेट्स की इसी तरह की अनियंत्रित रीएंट्री 2020 और 2021 में हुई थी।
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