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परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची भारत और पाकिस्तान के बीच हुई आदान-प्रदान

Gulabi
1 Jan 2021 10:28 AM GMT
परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची भारत और पाकिस्तान के बीच हुई आदान-प्रदान
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भारत और पाकिस्तान ने आज आपस में परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की लिस्ट साझा की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत और पाकिस्तान ने आज आपस में परमाणु प्रतिष्ठानों(Nuclear Installations) और सुविधाओं की लिस्ट साझा की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत और पाकिस्तान ने आज नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह प्रक्रिया परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमले की निषेध संधि (Prohibition of Attack against Nuclear Installations and Facilities between India & Pakistan) के तहत पूरी की गई।





पाकिस्तान ने जारी किया बयान

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा कि यह एक्सचेंज पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ समझौते के अनुच्छेद-द्वितीय के अनुसार किया गया था, जिस पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए थे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने आगे कहा कि पाकिस्तान में परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची आधिकारिक तौर पर आज भारतीय विदेश मंत्रालय के एक प्रतिनिधि को सुबह 11:00 बजे (पाकिस्तानी समयानुसार) सौंप दी गई।


नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची सुबह 11.30 बजे (भारतीय समयानुसार) पाकिस्तान उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को सौंप दी। समझौते में यह प्रावधान है कि दोनों देश एक-दूसरे को हर साल 1 जनवरी को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की जानकारी देते हैं। यह प्रक्रिया 1 जनवरी, 1992 से लगातार की जा रही है।

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बावजूद सूचना का आदान-प्रदान किया गया है। पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह द्वारा किए गए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी 2019 को भारत के युद्धक विमानों ने पाकिस्तान के अंदर एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया, जिसमें कई आतंकी मारे गिराए गए थे।
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। इसके बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में इसे विभाजित कर दिया गया।


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