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कोरोना वायरस के कारण घट रही प्राइवेट पार्ट की लंबाई, डॉक्टरों के इस बयान ने बढ़ाई चिंता

jantaserishta.com
13 Jan 2022 7:58 AM GMT
कोरोना वायरस के कारण घट रही प्राइवेट पार्ट की लंबाई, डॉक्टरों के इस बयान ने बढ़ाई चिंता
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नई दिल्ली: दुनियाभर में Omicron वैरिएंट की वजह से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं, काफी लोग लॉन्ग कोविड के शिकार भी हो रहे हैं. लॉन्ग कोविड की वजह से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच एक अमेरिकी शख्स ने दावा किया है कि कोरोना की वजह से उसके प्राइवेट पार्ट की लंबाई घट गई.

यूरोलॉजिस्ट्स (Urologists) का कहना है कि यह एक रियल फिनोमिना है कि कोविड के चलते रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को नुकसान के कारण पेनिस का साइज छोटा हो सकता है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के नेतृत्व में 3400 लोगों पर एक स्टडी की गई थी. इसमें भी पाया गया कि जिन 200 लोगों में लॉन्ग कोविड के लक्षण थे, उनमें से कई लोगों में पेनिस की लंबाई घटना भी एक समस्या थी.
अमेरिकी शख्स ने दावा किया है कि कोविड के कारण उसका प्राइवेट पार्ट (Penis Shrank Due To Corona) डेढ़ इंच छोटा हो गया है. शख्स ने यह भी कहा कि जब उसने इस बारे में डॉक्टरों से सलाह ली तो उन्होंने कहा कि इसे ठीक नहीं किया जा सकता.
पॉडकास्ट "हाउ टू डू इट" में कॉल करते हुए, उस शख्स ने कहा- 'पिछले साल जुलाई में मुझे कोविड हुआ था और मैं बहुत बीमार था. जब मैं अस्पताल से बाहर निकला, तो मुझे कुछ इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) था. वह धीरे-धीरे कुछ इलाज से ठीक हो गया, लेकिन पेनिस लगभग डेढ़ इंच छोटा हो गया. मुझे यकीन है कि ये Blood Vessels के कारण हुआ. इसने मेरी सेक्स लाइफ पर भी असर डाला है.'
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को आम बोलचाल की भाषा में 'नपुंसकता' भी कहा जाता है. अमेरिका की Urologist Ashley Winter MD ने बताया कि कोविड के बाद प्राइवेट पार्ट का सिकुड़ना इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक प्रभाव है. उन्होंने कहा- "यह सच है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने से पेनिस छोटा हो जाता है."
डॉ Ashley Winter ने कहा कि जब कोविड पेनिस में पाई जाने वाली रक्त वाहिकाओं की एंडोथेलियल कोशिकाओं में प्रवेश करता है, तो यह उचित रक्त प्रवाह को रोक सकता है. यह इसे प्रभावी रूप से सख्त होने से रोकता है. उन्होंने एक रिसर्च का हवाला दिया, जिसमें यूरोलॉजिस्ट ने दो पुरुषों के पेनिस में कोरोनावायरस के कण पाए, जो संक्रमण से पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन से ग्रसित थे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, Long Covid 200 से अधिक लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है. इसको लेकर डॉक्टरों ने हजारों मरीजों से पूछताछ की है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने पाया कि ये कमजोर करने वाली समस्याएं मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा सहित 10 अंग प्रणालियों को प्रभावित करती हैं.
इनमें सबसे आम लक्षण थकान था, जिसने लगभग हर रोगी (98.3 प्रतिशत) को प्रभावित किया. इसके अलावा सांस लेने में समस्या और दिमाग पर असर जैसी समस्याएं भी कोरोना से उबर चुके लोगों में देखने को मिली. अन्य समस्याओं में यौन रोग, खुजली, मासिक धर्म चक्र में बदलाव, यूरिन समस्या, दाद, दस्त आदि शामिल थी.
इन्हीं में से कुछ लोगों ने पेनिस के साइज का छोटा होना जैसी समस्या भी बताई. ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स के आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन में दस लाख लोग वर्तमान में पोस्ट कोविड की समस्या से जूझ रहे हैं.
खून की नलियों को नुकसान पहुंचा रहा कोरोना
रिसर्च के मुताबिक, कोरोना खून की नलियों को नुकसान पहुंचा रहा है. साथ ही वह शरीर के अंदर मौजूद अंगों को भी खराब कर रहा है. जिन पुरुषों के पहले इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दिक्कत नहीं थी, वो कोरोना संक्रमित होने के बाद इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन ने लंबे कोविड लक्षणों पर एक अध्ययन किया, जिसमें 56 देशों के रोगियों में 203 लक्षणों की पहचान की गई. लैंसेट की ईक्लिनिकल मेडिसिन में प्रकाशित रिजल्ट के अनुसार, लगभग 5 प्रतिशत पुरुषों को "पेनिस के आकार में कमी" का सामना करना पड़ा और लगभग 15 प्रतिशत पुरुषों ने यौन समस्या की शिकायत की. कोरोना इरेक्टाइल डिसफंक्शन के जोखिम को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है.
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