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ब्रिटेन के शाही परिवार के इन सदस्यों पर हुई कानूनी कार्रवाई, क्या महारानी एलिजाबेथ जा सकती है जेल?

Gulabi
27 Jan 2022 5:06 PM GMT
ब्रिटेन के शाही परिवार के इन सदस्यों पर हुई कानूनी कार्रवाई, क्या महारानी एलिजाबेथ जा सकती है जेल?
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ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू के मामले में कानूनी कार्यवाही चल रही है
ब्रिटेन (Britain) के प्रिंस एंड्रयू (Prince Andrew) के मामले में कानूनी कार्यवाही चल रही है. ऐसे में बहुत से लोग सोच रहे हैं कि क्या ब्रिटिश शाही परिवार (British Royal Family) का कोई सदस्य जेल जा सकता है? इस सवाल का जवाब है हाँ. वे वास्तव में जेल जा सकते हैं, यदि उन्हें दोषी ठहराया जाता है.



हालांकि, सभी को ये बात याद रखनी चाहिए कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को ब्रिटेन में 'विशेषाधिकार' मिला हुआ है. ऐसे में वह कोई कानूनन गलत काम नहीं कर सकती हैं. इस वजह से वह नागरिक या आपराधिक कार्यवाही से मुक्त हैं. ऐसे में आइए उन शाही परिवार के सदस्यों को जानें, जिन पर कानूनी कार्रवाई हुई हैं.
प्रिंस एंड्रयू: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दूसरे बेटे प्रिंस एंड्रयू अमेरिका में यौन उत्पीड़न के मुकदमे का सामना कर रहे हैं. हाल ही में, एक अमेरिकी न्यायाधीश ने उन पर दर्ज मुकदमे को खारिज करने की याचिका को रद्द कर दिया.
प्रिंसेस ऐनी: साल 2002 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की इकलौती बेटी राजकुमारी ऐनी को डेंजरस डॉग्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया. इस तरह वह वर्तमान शाही परिवार की पहली सदस्य बनीं, जिन्हें आपराधिक अपराध का दोषी ठहराया गया. उनके एक कुत्ते ने विंडसर ग्रेट पार्क में दो बच्चों को काट लिया था.
प्रिंस फिलिप: 2019 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप एक कार दुर्घटना में शामिल थे. इस हादसे में एक महिला की कलाई टूट गई थी. हालांकि, उन्हें किसी भी आरोप का सामना नहीं करना पड़ा. दरअसल, उनके खिलाफ जांच को बंद कर दिया गया, क्योंकि दिवंगत ड्यूक ने अपना ड्राइविंग लाइसेंस सौंप था.
जारा टिंडाल: 2020 में प्रिंसेस ऐनी की बेटी जारा टिंडल को तेज रफ्तार कार चलाने का दोषी पाए जाने के बाद छह महीने के लिए उनकी ड्राइविंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
किंग चार्ल्स प्रथम: कुछ सौ साल पहले जब आधुनिक युग के न्यायालय मौजूद नहीं थे. उस दौरान किंग चार्ल्स प्रथम पर अत्याचार और राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. अंग्रेजी गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद सन 1649 में 20 जनवरी को वेस्टमिंस्टर हॉल में उन्हें मुकदमे के लिए लाया गया था. उन्हें उसी साल 26 जनवरी को मौत की सजा सुनाई गई थी और अंततः चार दिन बाद व्हाइटहॉल, लंदन में बैंक्वेटिंग हाउस के बाहर उनका सिर कलम कर दिया गया था.
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