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जानें क्यों जापान में सिकुड़ रहा राजपरिवार

Gulabi
21 Nov 2020 2:34 PM GMT
जानें क्यों जापान में सिकुड़ रहा राजपरिवार
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जापान की राजकुमारी माको (princess Mako of Japan) सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जापान की राजकुमारी माको (princess Mako of Japan) सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं. इसकी एक वजह शाही राजघराने से अलग उनका आम लोगों से जुड़ना है. उनके प्रेमी केई कोमुरो को भी तस्वीरों में अक्सर साथ देखा जाता है. दोनों लंबे समय से शादी की योजना बनाने के बाद भी उसे टाल रहे हैं. इसके पीछे वजह ये है आम नागरिक से शादी करने पर प्रिंसेज की पदवी छिन जाएगी. ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और इस कायदे के कारण जापान का शादी परिवार लगातार छोटा हो रहा है.

बड़ी बहनों ने भी की आम लोगों से शादी

जापान की जापानी राजकुमारी अयोको ने अपने शाही अधिकार और भारी-भरकम संपत्ति ठुकराकर एक आम शख्स से शादी कर ली. ये एक ही दशक के भीतर जापान के राजपरिवार को लगा दूसरा धक्का था. बता दें कि अयोको से पहले उनकी बड़ी बहन नोरिको ने भी साल 2014 में शाही परिवार से बाहर शादी की थी. मौजूदा राजकुमारी माको इन्हीं बहनों में सबसे छोटी हैं.

बार-बार शादी टालने को मजबूर

माको भी साल 2017 में अपनी शादी का लगभग एलान कर चुकी थीं लेकिन राजपरिवार के दबाव में उन्हें पीछे हटना पड़ा. इसके बाद माना गया था कि साल 2020 में वे फैसला लेंगी, हालांकि इस साल भी उन्होंने शादी से इनकार कर दिया. इसके पीछे ये डर बताया जा रहा है कि राजकुमारी अगर राज परिवार से बाहर किसी से जुड़ती हैं तो उन्हें शाही शानोशौकत छोड़नी होगी.

सिकुड़ रहा है राजपरिवार

जापान का राजघराना अब तक के कुछ सबसे पुराने राज परिवारों में एक माना जाता है. लेकिन ये लगातार छोटा हो रहा है. राजकुमारियों के बाहरी लोगों से शादी करने के कारण अब रॉयल फैमिली में उत्तराधिकारी का संकट पैदा हो गया है. परिवार में अब 18 सदस्य बाकी हैं. इनमें से 6 राजकुमारियों ने शाही परिवार के भीतर कोई वर न मिलने के कारण शादी नहीं की. हो सकता है कि जल्द ही ये भी किसी आम जापानी नागरिक से शादी कर लें. ऐसे में जापान के राजपरिवार में केवल 12 सदस्य बाकी रहेंगे.


पुरुष सत्ता है शाही घराने पर

असल में जापान के प्राचीन राजपरिवार में सिर्फ पुरुषों को ही राजगद्दी पर बिठाया जाता रहा है लेकिन अब परिवार छोटा होते जाने के कारण हो सकता है कि महिला वारिस पर भी विचार होने लगे. हालांकि ये भी तभी हो सकता है, जब आम लोगों से शादी करने वाली राजकुमारियों से शाही पहचान न छीनी जाए. ऐसे में वे या तो खुद गद्दी की वारिस बन सकती हैं या फिर उनके बच्चों को यह अधिकार मिल सकता है. हालांकि जापान में मजबूत पदों पर बैठे रुढ़िवादी लोग इसके खिलाफ हैं और इसी वजह से साल 2017 से इस बात पर केवल बहस ही हो रही है.

बाहरी लड़के से जुड़ने पर छोड़नी होती है पदवी

बता दें कि इंपीरियल हाउस लॉ के अनुसार अगर कोई प्रिंसेज किसी बाहरी आदमी से शादी करती है तो उससे शाही पदवी छीन ली जाती है. साथ में उसे अपना भविष्य खुद बनाने के लिए एक रकम दे दूी जाती है ताकि वो किसी किस्म की कोई उम्मीद न रखे. राजकुमारी अयोको को लगभग सवा मिलियन डॉलर दिए गए थे.

प्रिंस के लिए नहीं है ये नियम

दूसरी तरफ जापान के राजकुमार के लिए ये नियम लागू नहीं होता. वे किसी भी लड़की से शादी कर सकते हैं और महल में आने वाली लड़की भी शाही परिवार का हिस्सा हो जाती है. इस शादी से हुई पुरुष संतान को वारिस माना जाता है. जबकि लड़की संतान को सारी शानोशौकत तो मिलती है लेकिन परिवार के उत्तराधिकारी का दर्जा नहीं.

दो दशक तक परिवार में नहीं जन्मी नर संतान

अब हुआ ये कि साल 1965 से 2006 तक जापान के राज परिवार में एक भी लड़के का जन्म नहीं हुआ. यानी पूरे 41 साल ढेर सारी राजकुमारियां तो थीं लेकिन राजकुमार एक भी नहीं. साल 2006 में राजकुमार हिसाहितो का जन्म हुआ. इसके साथ ही राज परिवार को एक तरह से तसल्ली हुई कि उनका वारिस आ चुका है. हालांकि इसके बाद भी लगातार बात हो रही है कि क्या जापान के शाही खानदान को अब नियमों को समय के मुताबिक बदलने की जरूरत है.

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