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लैंसेट की रिपोर्ट का दावा: चीनी कोरोना वैक्सीन हैं सुरक्षित, एंटीबॉडी बनने में मिली यह मदद

Triveni
16 Oct 2020 9:01 AM GMT
लैंसेट की रिपोर्ट का दावा: चीनी कोरोना वैक्सीन हैं सुरक्षित, एंटीबॉडी बनने में मिली यह मदद
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कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन की कोरोना वैक्सीन को एक अध्ययन में सुरक्षित पाया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन की कोरोना वैक्सीन को एक अध्ययन में सुरक्षित पाया है। 18 से 80 साल के लोगों पर टेस्ट की गई चीनी वैक्सीन के परिणाम अच्छे आए हैं। इन लोगों पर किए गए परीक्षण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है और इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है बल्कि इससे एंटीबॉडी बनने में मदद मिली है।

चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी खबरें और शोध प्रकाशित करने वाली लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। लैंसेट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कोरोना वैक्सीन BBIBP-CorV जिसके कोरोना वायरस को पूरी तरह से निष्क्रिय करने की उम्मीद है, वह एकदम सुरक्षित है और यह एंटीबॉडी बनाने में सक्षम है।लैंसेट ने इससे पहले भी एक और वैक्सीन को लेकर भी यही बात कही थी जो कोरोना के लिए जिम्मेदार SARS-CoV-2 Virus को निष्क्रिय करता है लेकिन उस अध्ययन नें वैक्सीन का परीक्षण केवल 60 वर्ष से कम आयु के लोगों पर किया गया था।

द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित इस नवीनतम अध्ययन में बताया गया है कि इस वैक्सीन के ट्रायल में 18 से 80 वर्ष की आयु के प्रतिभागी शामिल थे और पाया गया कि सभी में एंटीबॉडी बनी हैं। अध्ययन के अनुसार, इस वैक्सीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने की रफ्तार 18 से 59 साल के लोगों में 60 से अधिक उम्र वाले लोगों के मुकाबले अधिक रही। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में एंटीबॉडी बनने में 42 दिन लगे जबकि 18 से 59 साल के प्रतिभागियों में 28 दिनों में एंटीबॉडी विकसित हो गई।

बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स कंपनी लिमिटेड के चीन के लेखक ज़ियाओमिंग यांग ने कहा कि वृद्ध लोगों की सुरक्षा करना एक सफल कोरोना वैक्सीन का एक प्रमुख उद्देश्य है क्योंकि इस आयु वर्ग में गंभीर बीमारी का खतरा अधिक है।


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