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डेल्टा स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत में हुई थी.
ब्रिटेन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण ने एक बार फिर से हर किसी की चिंता बढ़ा दी है. कई एक्सपर्ट्स इसे तीसरी लहर का नाम दे रहे हैं. इस साल जनवरी के बाद ये पहला मौका है जब पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार 30 हज़ार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं. इस बीच स्कॉटलैंड (Scotland) में बच्चों के बीच कोरोना तेज़ी से फैल रहा है. संक्रमण दर को देखते हुए यहां की लेबर पार्टी ने चिंता जताई है. पार्टी की रिसर्च के मुताबिक पिछले साल कोरोना की महामारी आने के बाद से जून के महीने में 18 साल से कम उम्र के सबसे ज्यादा बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
लेबर पार्टी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 10 से 30 जून के बीच हर हफ्ते औसतन 4.7 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनकी उम्र 2 से 4 साल के बीच थी. 5 से 11 साल के बच्चों में ये आंकड़ा हर हफ्ते औसतन 6.7 रहा. जबकि 12 से 17 साल के औसत 5.7 बच्चों को हर हफ्ते अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पार्टी के स्वास्थ्य प्रवक्ता जैकी बेली ने कहा, 'ये अविश्वसनीय रूप से चिंताजनक ट्रेंड हैं. हमारे पास समय कम है. पांच से 11 साल के बच्चे लगातार कोरोना के शिकार हो रहे हैं. स्कॉटिश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे पास दुनिया में सबसे तेज़ टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक है और आपूर्ति को देखते हुए स्कॉटलैंड में हम लोगों का लगातार टीकाकरण कर रहे हैं.'
लगातार बढ़ रहे हैं केस
बता दें कि ब्रिटेन में जनवरी के बाद पहली बार एक दिन में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की संख्या 32 हजार के पार पहुंच गई है. ये 23 जनवरी के बाद सबसे ज्यादा है. संक्रमण के मामलों में वृद्धि ऐसे वक्त पर हुई है जब सरकार इंग्लैंड में बाकी बची पाबंदियों में ढील देने की तैयारी कर रही है. वायरस के अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के आने के बाद मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है. डेल्टा स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत में हुई थी.
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