विश्व

केपी ओली ड्रैगन को देंगे झटका, भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस से मिला सकते हैं हाथ

Gulabi
4 Jan 2021 11:45 AM GMT
केपी ओली ड्रैगन को देंगे झटका, भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस से मिला सकते हैं हाथ
x
नेपाली कांग्रेस परंपरागत तौर पर भारत समर्थक पार्टी मानी जाती रही है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। काठमांडू: चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के उप मंत्री के नेपाल से खाली हाथ लौटने के बाद अब देश के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ड्रैगन को एक और झटका देने की तैयारी में हैं। नेपाली कांग्रेस के चीफ शेर बहादुर देउबा और ओली के बीच डील होती दिखाई पड़ रही है। नेपाल का सुप्रीम कोर्ट अगर प्रधानमंत्री के संसद को भंग करने के फैसले को खारिज कर देता है तो ओली अब पुष्‍प कमल दहल प्रचंड को झटका देते हुए देउबा के नेतृत्‍व में नई सरकार बना सकते हैं।


नेपाली कांग्रेस परंपरागत तौर पर भारत समर्थक पार्टी मानी जाती रही है जबकि चीन ने नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी में एकता बरकरार रखने पर जोर दिया था। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी से जुड़े महिला संगठन की एक नेता ने बताया कि ओली ने नेपाली कांग्रेस के साथ गठजोड़ का स्‍पष्‍ट संकेत दिया है। ओली ने महिला संगठन का एक ज्ञापन स्‍वीकार करते समय कहा था कि संसद के बहाल होने की संभावना न के बराबर है। उन्‍होंने महिला नेताओं से कहा कि वे चुनाव की तैयारी करें।
नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा-महाभारत के धृतराष्ट्र की तरह हैं प्रचंड
'नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर बारी-बारी से मिलकर सरकार बनाएंगे'
महिला ने बताया कि संसद के बहाल किए जाने की स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ओली ने कहा था कि देउबा के नेतृत्‍व में गठबंधन सरकार बनेगी। ओली ने कहा, 'हम चुनाव होने तक नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर बारी-बारी से मिलकर सरकार बनाएंगे।' इस दौरान पीएम ओली ने जोर देकर कहा कि संसद की बहाली असंभव है लेकिन उन्‍होंने अपने भविष्‍य का रुख स्‍पष्‍ट कर दिया। ओली के संसद के बहाल न होने और नेपाली कांग्रेस के विपक्ष के संयुक्‍त विरोध प्रदर्शन में शाम‍िल नहीं होने से यह संदेह गहराता जा रहा है कि दोनों साथ आ रहे हैं।

हालांकि नेपाली कांग्रेस का एक धड़ा राम चंद्र पौडेल के नेतृत्‍व में पार्टी अध्‍यक्ष देउबा की खुलेआम आलोचना कर चुका है। पौडेल का कहना है कि ओली उस मजबूती के साथ ओली के कदम का विरोध नहीं कर रहे हैं जितना करना चाहिए। देउबा वर्ष 2017 से पार्टी के अध्‍यक्ष हैं और अगले महीने होने जा रहे चुनाव में एक बार फिर से अध्‍यक्ष पद के लिए दावेदारी करेंगे। ओली का संसद भंग करना अब देउबा के लिए वरदान बन गया है। उनके दोनों ही हाथों में लड्डू है।
Nepal Political Crisis: चीन के हाथ से फिसल रहे केपी ओली, भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस को साधने में जुटा ड्रैगन
ओली के सबसे विश्‍वासपात्र हैं शेर बहादुर देउबा
दरअसल, अगर सुप्रीम कोर्ट संसद को बहाल करती है तो देउबा प्रधानमंत्री बन सकते हैं, वहीं अगर चुनाव होता है तो नेपाली कांग्रेस में अध्‍यक्ष पद का चुनाव स्‍थगित हो सकता है। नेपाली कांग्रेस को उम्‍मीद है कि नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के औपचारिक रूप से अलग होने पर इस बात की पूरी संभावना है कि पार्टी सत्‍ता में आ सकती है। नेपाली कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक जब से नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी में संकट बढ़ा है तब से ओली और देउबा की मुलाकात बढ़ गई है। पिछले तीन साल में देउबा की गतिविधियों ने यह जता दिया है कि वह ओली के सबसे विश्‍वासपात्र हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि नेपाली कांग्रेस के साथ ओली जनता समाजबादी पार्टी को भी साथ ला सकते हैं।


Next Story