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केपी ओली ने कहा- हमें अपने क्षेत्र को बनाए रखना होगा, भारत संग बातचीत से होगा समाधान

Gulabi
8 Feb 2021 2:21 PM GMT
केपी ओली ने कहा- हमें अपने क्षेत्र को बनाए रखना होगा, भारत संग बातचीत से होगा समाधान
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58 साल से नहीं हो पाई बातचीत

Nepal PM says border issue with India will resolve through talks: नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने सोमवार को कहा है कि भारत के साथ जो सीमा विवाद (Nepal and India border dispute) चल रहा है, उसका हल कूटनीतिक बातचीत (Nepal India diplomatic talks) से ही संभव है. हालांकि भारत और नेपाल के बीच बीते महीने नई दिल्ली में मंत्रीस्तरीय वार्ता भी हुई थीं. लेकिन दोनों देशों में कोई सुलह नहीं हो पाई. तनाव बीते साल मई महीने से और बढ़ गया, जब नेपाल ने एक नया नक्शा जारी किया. अब नेपाली सेना द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ओली ने ये बातें कही हैं.


केपी शर्मा ओली जो देश के रक्षा मंत्री भी हैं, उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है और ऐसा केवल तथ्यों, समानता, सम्मान और न्याय के आधार पर हो सकता है. उन्होंने कहा, 'नेपाल-भारत संबंधों (Nepal and India Relations) को सौहार्दपूर्ण ढंग से मजबूत करने के लिए हमें नक्शा प्रिंट करना होना और भारत से बात करनी होगी. सुस्ता और कंचनपुर में सीमा विवाद है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2014 में नेपाल गए थे, उस दौरान भी विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने विदेश सचिव स्तर के प्रतिनिधिमंडल को भेजा था, लेकिन वो नहीं मिल पाए थे.

भारत ने कालापानी को बताया अपना क्षेत्र
नवंबर 2019 में भारत ने नए राजनीतिक मानचित्र (Nepal India border map) में कालापानी को अपना क्षेत्र बताया. नेपाल ने भारत के इस कदम का विरोध किया और राजनयिक स्तर की वार्ता करने के लिए कहा. लेकिन भारत (Nepal and India border news) ने कहा कि जब कोविड खत्म हो जाएगा, तभी वह आमने-सामने बातचीत करेगा. अब सेना के इस कार्यक्रम के दौरान ओली ने कहा कि भारत के साथ लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को लेकर खुली और मैत्रीपूर्ण बातचीत होगी. जिसमें सबूत और तथ्यों पर भी बात होगी.

'58 साल से नहीं हो पाई बातचीत'
उन्होंने (Nepal PM) कहा, 'हमें अपने क्षेत्र को बनाए रखना होगा. दोनों ही देशों को रिश्ता बनाए रखने के लिए सच और तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए. क्या दोनों ही देश ऐसी स्थिति में हैं, कि वो एक दूसरे की जमीन पर दावा कर सकें? कुछ सीमा संबंधित समस्याएं एतिहासिक रूप से मौजूद हैं. लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानीमुद्दे पर बीते 58 साल से बातचीत नहीं हुई. उस समय के शासकों में घुसपैठ के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं थी और हमें चुपचाप विस्थापित होने को कहा गया.'
ओली- हमें चेतावनी दी गई
ओली ने कहा, 'हमें किसी भी कीमत पर अपने क्षेत्र पर दावा करने की जरूरत है. जब हमने अपने क्षेत्र पर दावा किया तो हमें चेतावनी दी गई. कहा गया कि भविष्य में इसपर बात होगी.' उन्होंने कहा कि अब नो-मैन्स लैंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए काम करना होगा. सीमा (Nepal India land dispute) सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का आतंरिक मामला है. ओली ने कहा, 'कैसे कोई देश सुरक्षित रहेगा, जब सीमा पर ही सुरक्षा नहीं होगी? हमने सुरक्षा नीति के लिए एक कार्य नीति तैयार की है.'


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