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Aliens का पता लगाना क्यों है इतना मुश्किल
ब्रह्मांड (Universe) में एलियंस (Aliens) की तलाश काफी धीमी साबित हो रही है. दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी हुई हैं, क्या ब्रह्मांड में इंसानों के अलावा भी कोई दूसरी प्रजाति मौजूद है? ये एक ऐसा सवाल है, जिसका उत्तर जानने के लिए मानवता बेहद उत्साहित है. मंगल (Mars) से लेकर चांद (Moon) तक और हमारे सौरमंडल (Solar System) में मौजूद कई ग्रहों तक मिशन को भेजा गया है, ताकि जीवन के सबूतों की तलाश की जा सके. स्पेस में एलियंस का पता लगाने के लिए प्राइमरी तरीका रेडियो वेव और लेजर सिग्नल्स हैं, जिन्हें इंसानों ने तैयार किया है.
इन रेडियो वेव (Radio Waves) और लेजर सिग्नल्स (Lajor signals) को अंतरिक्ष में भेजा भी गया है, ताकि अगर कोई प्रजाति मौजूद है तो वो इसका उत्तर दे और संपर्क स्थापित हो सके. हालांकि, अभी तक ऐसा करने के बाद भी केवल निराशा ही हाथ लगी है. ऐसे में एक सवाल सभी के मन में उठता है कि हमने विज्ञान के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर ली है, फिर भी हम अभी तक एलियंस से संपर्क नहीं कर पाए हैं. ऐसे में आइए उन कुछ वजहों पर नजर डाली जाए, जिसकी वजह से अभी तक हम एलियंस से संपर्क नहीं कर पाए हैं.
इंसान ज्यादा वक्त से एलियंस की तलाश नहीं कर रहा
मानवता अंतरिक्ष में किसी अन्य प्रजाति की मौजूदगी को लेकर हजारों सालों से उत्साहित रहा है. लेकिन अभी कुछ दशक पहले तक ही उसे वे उपकरण हासिल हुए हैं, जिनकी मदद से एलियंस को ढूंढा जा सके. इसके अलावा हाल के कुछ दशकों में ही एलियंस को ढूंढने पर संसाधनों को लगाया गया है. ब्रह्मांड में एलियंस और अन्य जीवों की तलाश के लिए कंप्यूटर्स और टेलिस्कोप को करीब 60 सालों से ही लगाया गया है. ऐसे में हमें अभी एलियंस की तलाश में और वक्त बिताने की जरूरत पड़ सकती है. इसके अलावा क्या पता एलियंस खुद ही हमसे संपर्क करने आ जाएं.
अंतरिक्ष की बेहद ही कम जगह तक पहुंचा है इंसान
ब्रह्मांड और अंतरिक्ष काफी बड़ा है और यही वजह है कि अभी तक इंसानों ने इसके कई हिस्सों तक पहुंच नहीं बनाई है. अंतरिक्ष कितना बड़ा है, इसे कुछ इस तरह से समझा जा सकता है कि अगर अंतरिक्ष एक महासागर है, तो इंसानों ने सिर्फ एक ग्लास पानी भर ही जगह को देखा है. इसके अलावा, जिस रफ्तार से हम अंतरिक्ष में अपना दायरा बढ़ा रहे हैं और नए हिस्सों का पता लगा रहे हैं, वो काफी धीमा है. एलियंस का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों को कम से कम 'तालाबों' और 'झीलों' जितने क्षेत्र का पता लगाना होगा.
अभी हमारे पास सही टेक्नोलॉजी नहीं
आज जो तकनीक मौजूद है, वह इंसानों को अरबों प्रकाश वर्ष दूर अंतरिक्ष की तस्वीरों को कैमरे में कैद करने में मदद करती है. लेकिन इसके बाद भी ये अंतरिक्ष की पूरी तरह से खोज करने के लिए अपर्याप्त हो सकती है. शायद अभी हमारे पास एलियंस का पता लगाने के लिए सभी उपकरण नहीं हैं. ऐसे में हो सकता है कि दूसरी दुनिया के लोगों का पता लगाने के लिए अभी हमें और इंतजार करना पड़े. ये भी हो सकता है कि उनके पास जो टेक्नोलॉजी हो, वो हमसे ज्यादा अडवांस्ड हो.
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