तालिबान के कुछ शीर्ष नेता काबुल में एक नई अफगान सरकार के गठन पर चर्चा करने के लिए एकत्र हो रहे हैं, जिसमें हक्कानी नेटवर्क का एक प्रतिनिधि भी शामिल है, जो अफगानिस्तान का सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन है। हाल के वर्षों में अफगानिस्तान में कुछ सबसे घातक आत्मघाती हमलों के लिए हक्कानी को दोषी ठहराया गया है, जिसमें नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और विदेशी बलों की मौत हुई थी। उसने भारतीय हितों को भी निशाना बनाया था। अफगानिस्तान में जहां भी भारतीयों पर हमले हुए थे, उसमें हक्कानी नेटवर्क का नाम आया था। इसका कुख्यात आतंकी संगठन अल कायदा से भी करीबी संबंध है। तालिबान के पिछले सप्ताह अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद नई सरकार में उसके मजबूती से शामिल होने की उम्मीद है। इस बीच हक्कानी नेटवर्क को काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा दिए जाने से लोगों की बेचैनी और बढ़ गई है। माना जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क के मजबूत होने से भारतीयों पर हमले बढ़ सकते हैं।