विश्व

जानिए कहां पर हो रही काली बर्फबारी और क्या है इसके पीछे की वजह

Gulabi
29 Jan 2022 4:23 PM GMT
जानिए कहां पर हो रही काली बर्फबारी और क्या है इसके पीछे की वजह
x
सर्दी के दौरान देश-दुनिया में बर्फ गिरने की कई खबरें सामने आती हैं
सर्दी के दौरान देश-दुनिया में बर्फ गिरने की कई खबरें सामने आती हैं। फोटो और वीडियो में कई शहर सफेद बर्फ से ढके हुए नजर आते हैं। कई लोगों ने बर्फ गिरते हुए खुद देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी काली बर्फबारी होने के बारे में पढ़ा या सुना है। यह जानकर आपको अजीब लग रहा होगा, लेकिन रूस के एक इलाके में काली बर्फबारी लोगों के लिए मसीबत बन गई है।

रूस के साइबेरिया से अजीबोगरीब बर्फबारी की तस्वीरें सामने आई हैं। साइबेरिया के एक सुदूर गांव में काली बर्फबारी हो रही है जिसकी वजह लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनको प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है। उनका कहना है कि प्रदूषण की वजह से सफेद बर्फ की जगह काली बर्फ गिर रही है। वहां के लोगों का कहना राख और काली बर्फ से ढके खेल मैदानों में उनके बच्चे खेलने को मजबूर हैं।

साइबेरिया के इस इलाके में काली बर्फबारी की वजह कोयले से फैलने वाला प्रदूषण है। यहां पर लोगों को गर्मी प्रदान के लिए कोयले से जलने वाले गर्म पानी का प्लांट हैं जिससे इसकी धूल से प्रदूषण बढ़ गया है। तस्वीरों को यहां पर हो रही काली बर्फबारी को देखा जा सकता है। एक शख्स ने साइबेरिया के ओमसुचन गांव का वीडियो शेयर किया है और कहा है कि यहां पर काली बर्फ जमी हुई है जिसमें हमारे बच्चे खेलने के लिए मजबूर हैं।
जानिए क्यों हो रही काली बर्फबारी

स्थानीय लोगों का कहना है कि सोवियत यूनियन के समाप्त होने के बाद भी यहां पर कुछ बदलाव नहीं हुआ है। यहां पर पहले जैसे ही हालात हैं। अधिकारियों का कहना है कि ओमसुक्चन और सेमचन में कोयला से चलने वाले गर्म पानी के प्लांट की वजह से काली बर्फबारी हो रही है। गर्म पानी के प्लांट यहां पर घरो के लिए एक हीटिंग स्रोत हैं। यहां पर सोने और कोयले की खदाने हैं।
इस वजह से बढ़ रही समस्या
साइबेरिया के इस इलाके में जनवरी के महीने में तापमान -50 डिग्री के नीचे तक पहुच गया जिसकी वजह से यहां पर बड़ी मात्रा में कोयला जलाना पड़ा। इसके कराण इस इलाके में बर्फ के ऊपर कालिख जम गई है। अधिकारियों का कहना है कि ताप संयंत्रों को बिजली देना जरूरी है ताकि लोगों के घर को गर्म रखा जा सके। यह देखकर लगता है कि धुएं को इकट्ठा करने वाले उपकरण ताप संयंत्रों में ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से यहां के लोग प्रदूषण का सामना कर रहे हैं।
Next Story