इस्लामाबाद: पड़ोसी देश पाकिस्तान में सियासी उठपटक जारी है. इस बीच खबर है कि नवाज शरीफ अगले महीने पाकिस्तान लौटे सकते हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (निर्णयों और आदेशों की समीक्षा) अधिनियम 2023 पर शीर्ष अदालत के फैसले के समय पर खेद व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो नवाज शरीफ की वतन वापसी की योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में शहबाज शरीफ ने कहा, ‘जहां तक नवाज शरीफ की वापसी का सवाल है तो SC के फैसले का इससे कोई संबंध नहीं है. उन्होंने 5 साल की अयोग्यता अवधि पूरी कर ली है. अभी जो कानून हैं उसमें कहा गया है कि अयोग्यता की अधिकतम अवधि 5 साल है. नवाज शरीफ पाकिस्तान वापस आएंगे और सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनकी वतन वापसी में कोई बाधा नहीं बनेगा.
भाई नवाज शरीफ से मिलने लंदन जाएंगे शहबाज: शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी उनके उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि नवाज शरीफ सितंबर में पाकिस्तान लौटेंगे और कानून का सामना करेंगे. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब देश आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है. जियो न्यूज कैपिटल टॉक प्रोग्राम के साथ इंटरव्यू में शहबाज शरीफ ने कहा कि कार्यवाहक सरकार के कार्यभार संभालते ही वह अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से मिलने के लिए लंदन जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘नवाज शरीफ चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगे.’
चुनाव का नेतृत्व करेंगे नवाज: हालांकि उन्होंने नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी की सही तारीख का खुलासा नहीं किया. पीएमएल-एन सुप्रीमो स्वास्थ्य कारणों से नवंबर 2019 से लंदन में आत्म-निर्वासन में रह रहे हैं. जून में अंतरिम राष्ट्रपति सादिक संजरानी द्वारा चुनाव अधिनियम, 2017 की धारा 232 (योग्यताएं और अयोग्यताएं) में संशोधन की मांग करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर करने से नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी का मार्ग भी प्रशस्त हो गया.
नवाज शरीफ और इस्तिहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी प्रमुख जहांगीर खान तरीन उन लोगों में से हैं जिन्हें इस कदम से फायदा हुआ है. शहबाज शरीफ ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट (निर्णयों और आदेशों की समीक्षा) अधिनियम 2023 के फैसले के समय से निराश हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में निराश हूं कि यह फैसला तब आया जब संसद अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद भंग कर दी गई थी. काश यह फैसला संसद के कार्यकाल के दौरान आया होता तो हम इस कानून पर सदन में बहस करते या सामूहिकता के साथ संशोधन करते.’
पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने एक हालिया निर्णय में कहा कि सुप्रीम कोर्ट (निर्णयों और आदेशों की समीक्षा) अधिनियम 2023 ‘असंवैधानिक’ था. रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत के फैसले को कई लोग नवाज शरीफ और जहांगीर खान तरीन की उम्मीदों पर पानी फेरने के रूप में देख रहे हैं, जो अपनी आजीवन अयोग्यता को चुनौती देना चाह रहे थे. शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 62 के तहत दोनों वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराया था. यदि उपरोक्त निर्णय याचिकाओं के पक्ष में आता, तो नवाज शरीफ और जहांगीर खान तरीन को पाकिस्तान में आगामी आम चुनावों के बीच अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए, अपनी अयोग्यता को चुनौती देने का मौका मिलता.