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जानिए कब और कहां हुई थी दुनिया के पहले ATM की शुरुआत, दिलचस्प है आविष्कार के पीछे की कहानी

Gulabi
27 Jun 2021 5:53 AM GMT
जानिए कब और कहां हुई थी दुनिया के पहले ATM की शुरुआत, दिलचस्प है आविष्कार के पीछे की कहानी
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ATM की शुरुआत

दुनियाभर के किसी भी देश में जाने पर लोगों को ऑटोमेटेड टेलर मशीन (Automated teller machines) या सरल भाषा में कहें तो ATM मिल जाता है. ATM ने बैकिंग सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं. भले ही आज के दौर में पैसे को निकालना इतना आसान नजर आता है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब पैसों को बैंक से निकालने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ता था. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आज का दिन ATM के लिए बेहद खास है. दरअसल, आज ही के दिन दुनिया का सबसे पहला ATM इंस्टॉल किया गया था.

27 जून 1967 को लंदन के एनफील्ड में बार्कलेज बैंक की एक ब्रांच के बाहर पहला ATM लगाया गया. इसके बाद लोगों को पैसे निकालने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं थी. लोग अब ATM के जरिए कैश निकाल सकते थे. हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि उस समय ATM कार्ड का आविष्कार नहीं किया गया था. इस वजह से लोगों को मशीन के भीतर चेक डालना होता था और वह सिर्फ 10 पाउंड की राशि को ही एक बार में निकाल सकते थे. भले ही ये राशि आज के समय कम लगती हो, लेकिन उस समय के दौरान ये बहुत अधिक थी.
चॉकलेट वेंडिंग मशीन से आया ATM का आइडिया
जॉन शेफर्ड-बैरोन (John Shepherd-Barron) को ATM का आविष्कारक माना जाता है. दरअसल, बैरोन ने ATM का आविष्कार इसलिए किया था, क्योंकि जब भी वह शनिवार को बैंक में पैसे निकालने के लिए जाते तो उन्हें लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता. कई बार बैंक बंद होने की वजह से वह पैसे नहीं निकाल पाते थे. ऐसी ही एक शनिवार को पैसे नहीं निकाल पाने के बाद वह घर लौटे. उसी शाम नहाते समय उन्हें आइडिया आया कि अगर चॉकलेट वेंडिंग मशीन से चॉकलेट निकल सकती है तो उसी तरह की एक मशीन बनाई जाए जो लोगों को पैसे दे.
टेक्नोलॉजी को नहीं करवाया पेटेंट
बैरोन पेश से इंजीनियर थे और उन्होंने सेना में अपनी सेवाएं दी थीं. उन्होंने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए चॉकलेट वेंडिंग मशीन की तरह एक मशीन को तैयार किया. कार्ड की अनुपस्थिति में लोगों को चेक के जरिए पैसे निकालने होते थे. इस ATM को बार्कलेज बैंक के बाहर लगाया गया. बैरन ने इस टेक्नोलॉजी को पेटेंट नहीं करवाया था. उनका मानना था कि अगर वो पेटेंट करवाएंगे तो इस टेक्नोलॉजी का हैकर गलत फायदा उठा सकते हैं. यही वजह से ATM के आविष्कारक को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं.
कैश की समस्या को सुलझाने के लिए बैंक कर रहे थे काम
वहीं, 'हिस्ट्री ऑफ द ATM' के लेखक बर्नार्डो बातिज लाजो का कहना है कि कैश की समस्या को खत्म करने के लिए कई टीमें स्वतंत्र रूप से काम कर रही थीं. बैंक एक्टिव रूप से कैश की समस्या को सुलझाने के लिए एक मशीन तैयार करने पर विचार कर रहे थे. बातिज लाजो कहना है कि बैरोन को ये नहीं मालूम होगा कि कोई और भी इस तरह के समान आइडिया पर काम कर रहा है. लेकिन बैंकों को ये बात मालूम थी.
पहले ATM के बाद अलग-अलग देशों में सामने आई ये मशीन
इस बात के भी सबूत हैं कि ब्रिटेन में ATM के इंस्टॉल करने से पहले ही जापान में इस तरह का डिवाइस सामने आया था. बार्कलेज बैंक में ATM इंस्टॉल होने के एक हफ्ते बाद ही स्वीडन में भी कैश निकालने वाली मशीन की जानकारी मिली. एक महीने बाद ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर बैंक ने भी अपना ATM दुनिया के सामने रखा. धीरे-धीरे दुनिया के अलग अलग देशों में ATM सामने आने लगे. इससे बात को बल मिला कि बैंक लंबे समय से ATM जैसी मशीन को तैयार करने में जुटे हुए थे.
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