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अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद बहुत से लोग अपने देश को छोड़कर जाने की कोशिश कर रहे हैं
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद बहुत से लोग अपने देश को छोड़कर जाने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि तालिबान के राज में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है और यहां सबसे ज्यादा महिलाएं डरी हुई हैं. आपने भी सुना होगा कि तालिबान के राज में महिलाओं पर काफी बंदिशें लगा दी जाती हैं और उनकी आजादी पूरी तरह से छीन ली जाती है. महिलाओं पर ऐसे ऐसे नियम लगा दिए जाते हैं कि वो पूरी तरह से घर में पैक हो जाती हैं.
ऐसे में जानते हैं कि आखिर वो कौन-कौनसे नियम हैं, जो तालिबान महिलाओं पर लागू कर सकता है. दरअसल, जब पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के कई शहरों पर कब्जा किया था तो महिलाओं के साथ ऐसे ही अत्याचार किया गया था. ऐसे में आपको बताते हैं कि तालिबान महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करता है, जिस वजह से महिलाएं तालिबान से डरी हुई हैं.
तालिबानी नियमों के हिसाब से महिलाएं सार्वजनिक तौर पर कई काम नहीं कर सकती हैं और उनके पहनावे से लेकर उनकी एक्टिविटी पर कई तरह के बैन लगा दिए जाते हैं. Revolutionary Association of the Women of Afghanistan के अनुसार, तालिबानी करीब 40 ऐसे नियम महिलाओं पर लगा देते हैं, जिनसे महिलाओं की आजादी पूरी तरह से खत्म हो जाती है. ये हैं वो अजीबोगरीब नियम, जिनके बारे में जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे…
– महिलाएं सार्वजनिक तौर पर मस्ती मजाक नहीं कर सकती हैं.
– महिलाओं के काम पर जाने पर बैन लगा दिया जाता है.
– अकेले बाहर जाने पर रोक होती है और वो सिर्फ पुरुष के साथ ही बाहर जा सकती हैं.
– कपड़ों को लेकर कई तरह बंदिशें होती हैं और महिलाओं को हमेशा खुद को पूरी तरह से ठककर रखना होता है.
– महिलाएं पुरुष दुकानदारों से सामान नहीं खरीद सकते हैं.
– डॉक्टर को लेकर भी कई नियम हैं, जिनमें महिलाओं का इलाज महिला डॉक्टर्स ही करती हैं, वो पुरुष डॉक्टर्स के पास नहीं जा सकती.
– महिलाओं के कॉस्मेटिक इस्तेमाल करने पर मनाही होती है.
– महिलाएं पुरुष से हाथ नहीं मिला सकती हैं और ज्यादा जोर से हंस भी नहीं सकती हैं.
– महिलाओं के हाई हिल्स फुटवियर पहनने पर रोक होती है.
– महिलाएं टैक्सी में ट्रैवल भी नहीं कर सकती हैं.
– बाइक, साइकिल चालना, खेलकूद में हिस्सा लेना भी महिलाओं के लिए बैन हैं.
– नदी में महिलाएं कपड़े भी नहीं धो सकती हैं.
– महिलाएं बालकनी और खिड़कियों से बाहर नहीं देख सकती हैं.
– महिलाओं की फोटो क्लिक करने पर भी बैन है, यहां तक कि विज्ञापनों में भी महिलाएं नहीं होती हैं.
– इसके अलावा भी महिलाओं की आजादी के खिलाफ कई ऐसे नियम हैं, जिनसे महिलाएं परेशान हैं.
पहले शासन काल में सख्त कानून
जब तालिबान शरिया कानून की बात करता है तो बहुत सारे ख्याल दिमाग में आते हैं. साल 1996 से 2001 तक जब तालिबान का अफगानिस्तान पर राज था तो उसने महिलाओं पर कड़े कानून लगा रखे थे. अपने पहले शासन में तालिबान ने महिलाओं पर हद से ज्यादा सख्ती की थी. वो न तो अकेले घर से बाहर निकल सकती थीं और न ही कहीं काम करने जा सकती थीं. स्कूलों में लड़कियों को पढ़ने की आजादी नहीं थी और साथ ही जो लोग नियम तोड़ते थे, उन्हें सार्वजनिक तौर पर कोड़ों से मारा जाता था.
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