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पाकिस्तानी सेना में बाबर, शाहीन, फतेह, गौरी और गजनवी किसी कमांडर के नाम नहीं हैं
पाकिस्तानी सेना में बाबर, शाहीन, फतेह, गौरी और गजनवी किसी कमांडर के नाम नहीं हैं। यह पाकिस्तान की विध्वंसक मिसाइलों के नाम हैं। इन्हीं मिसाइलों पर पाकिस्तान सेना इतराती है। अभी हाल में पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने बाबर क्रूज मिसाइल 1बी की बढ़ाई हुई रेंज प्रारूप का सफल परीक्षण किया है। फरवरी में पाकिस्तान ने बाबर क्रूज मिसाइल के पूर्ववर्ती संस्करण का सफल परीक्षण किया था। उसकी क्षमता 450 किमी तक लक्ष्य को भेदने तक सीमित थी। यानी उसकी जद में कई भारतीय शहर शामिल हैं। लेकिन अब घबड़ाने की कोई बात नहीं है। भारत ने पाकिस्तानी मिसाइलों को तोड़ ढूंढ निकाला है। भारत ने अपनी सरहद पर रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम की तैनाती कर भारत की सुरक्षा को पुख्ता किया है। ये डिफेंस मिसाइल सिस्टम पाकिस्तान और चीन दोनों मोर्चों पर हवाई खतरों से निपटने में सक्षम होगी। आखिर पाकिस्तान की इन मिसाइलों की क्या खासियत है। भारत ने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को कहां तैनात किया है। इसका क्या मकसद है। भारत की सुरक्षा रणनीति क्या है।
पाकिस्तान की मिसाइलों की खासियत
1- बाबर क्रूज मिसाइल (हत्फ-7): (Babur cruise missile या Hatf-7) पाकिस्तान की सेना में शामिल यह एक क्रूज मिसाइल है। बाबर मिसाइल को पारंपरिक या परमाणु बम हथियार से लैस किया जा सकता है। पाकिस्तान का दावा है कि बाबर क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 450 किलोमीटर है। यानी 450 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। पाकिस्तान सेना का दावा है कि बाबर मिसाइल पूरी सटीकता के साथ जमीन और समुद्र में लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। पाक ने हाल में बाबर क्रूज मिसाइल- 1बी का परीक्षण था। पाकिस्तान का दावा है कि इस मिसाइल को उसने स्वदेशी तकनीक पर विकसित किया है। सतह से सतह पर मार करने वाली बाबर-1बी मिसाइल 900 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। यह अपने पुराने वेरिएंट से करीब दो गुनी रेंज की मिसाइल है।
2- शाहीन-तीन बैलिस्टिक मिसाइल : पाकिस्तान का दावा है कि शाहीन-तीन बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। यह मिसाइल 2750 किलोमीटर तक निशाने को भेद सकती है। शाहीन-2 : यह एक भूमि आधारित सुपरसोनिक और कम-से-माध्यमिक दूरी की सतह से सतह निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। शाहीन-3 (Shaheen-3) एक भूमि आधारित सुपरसोनिक और कम-से-माध्यमिक दूरी की सतह से सतह निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। शाहीन-3 का पहला परीक्षण 9 मार्च 2015 को किया गया था।
3- गौरी-2 बैलिस्टिक मिसाइल : यह एक पाकिस्तानी सतह से सतह मध्यम दूरी की निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। गौरी-2 मिसाइल खान रिसर्च लैबोरेटरीज द्वारा विकसित की गई है। यह एक एकल चरण तरल ईंधन मिसाइल प्रणाली है। गौरी-1: यह एक पाकिस्तानी सतह से सतह मध्यम दूरी की निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। यह वर्तमान में पाकिस्तान के सेना सामरिक बल कमान में कार्यरत है। यह एक एकल चरण तरल ईंधन मिसाइल प्रणाली है। इसकी मारक क्षमता 1500 किमी है।
4- गजनवी या हत्फ-3 : (Ghaznavi या Hatf-3) यह एक हाइपरसोनिक और सतह से सतह के लिए कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। गजनवी मिसाइल नेशनल डिफेंस परिसर द्वारा विकसित की गई है। इसकी मारक क्षमता 290 किमी है। अब्दाली-1: (Abdali-I या Hatf-2) यह एक सुपरसोनिक और सामरिक सतह से सतह के लिए कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। अब्दाली-1 मिसाइल अंतरिक्ष अनुसंधान आयोग द्वारा विकसित की गई है। इसकी मारक क्षमता 290 किमी है।
पाक की इन मिसाइलों की भारत ने खोजा तोड़
रूसी S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को भारत ने तकरीबन 35 हजार करोड़ रुपये में खरीदा है। यह 400 किलोमीटर तक के हवाई खतरों से निपटने में मदद करेंगी। भारत को ऐसे पांच स्क्वाड्रन देने का सौदा किया गया है। S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है। यह दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रणाली पर रूस में ट्रेनिंग ली है। भारत के एस-400 मिसाइल सिस्टम की तैनाती से पाकिस्तान में बेचैनी है।
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