विश्व
जानें इमरान ने तीन साल में कैसे बना दिया पाकिस्तान को चीन का 'गुलाम'
Tara Tandi
24 May 2021 7:28 AM GMT
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प्रधानमंत्री इमरान खानPakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने 2018 से ही देश की सत्ता संभाली हुई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने 2018 से ही देश की सत्ता संभाली हुई है. लेकिन उनकी कुनीतियों और बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार की वजह से पाकिस्तानी आवाम त्रस्त है. लगातार बढ़ती महंगाई और फिर बड़े पैमाने पर फैली बेरोजगारी ने भी लोगों की परेशानी बढ़ाई हुई है. मगर इमरान इस समस्या से देश को बाहर निकालने के बजाय चीन पर पूरी तरह से निर्भर नजर आ रहे हैं, इसे लेकर पाकिस्तान में उनकी किरकिरी होती है. दरअसल, इमरान ने हाल ही में 'दूध क्रांति' (Milk Revolution) को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे लेकर उन पर तंज कसा जा रहा है.
इमरान खान ने शुक्रवार को चीन (China) की मदद से कराची में तैयार किए गए 1,100 मेगावाट परमाणु प्लांट (Nuclear Plant) का उद्घाटन किया. इस दौरान इमरान ने अपने भाषण में दूध क्रांति का जिक्र करते हुए कहा, 'अगर हम अपनी पैदावार को दोगुना कर दें. चीन का खासतौर पर दूध का उत्पादन अच्छा है. उनकी गायें हमारी गायों के मुकाबले पांच से छह गुना ज्यादा दूध देती हैं. ऐसे में हम सिर्फ चीन की टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर से या इनकी तकनीक का प्रयोग करें, तो हम अपना उत्पादन भी डबल कर लेंगे. इस तरह पाकिस्तान पूरी तरह से ट्रांसफोर्म हो सकता है.'
ट्विटर पर हुई इमरान की किरकिरी
पाकिस्तानी पीएम के इस बयान के बाद ट्विटर पर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया. पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने इमरान के बयान की वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'सत्ता में तीन साल से हैं और अभी भी चीन की मदद से गाय के दूध की क्रांति का इंतजार कर रहे हैं.' एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'एक परमाणु प्लांट का उद्घाटन करते समय गायों के दूध के उत्पादन के बारे में बात करने के लिए नेता को बहुत ही ज्यादा विजन की जरूरत होती है.' वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'दूध, गाय, कट्टे, मुर्गियां- क्या यही नया पाकिस्तान है, जिसका वादा किया गया था.'
जेनेरेशन-3 (जी3) टेक्नोलॉजी से लैस है कराची परमाणु प्लांट
बता दें कि इमरान ने पाकिस्तान और चीन के 70 साल के राजनयिक रिश्तों के मौके पर कराची में परमाणु प्लांट का उद्घाटन किया. इस प्लांट को 'कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूनिट-2 (के-2)' के तौर पर जाना जाता है. के-2 प्लांट को चीन की मदद से तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शाहबाज गिल (Shahbaz Gill) के अनुसार, ये प्लांट 1,100 मेगावाट बिजली को तुरंत राष्ट्रीय ग्रिड (National Grid) में स्थानांतरित कर देगा. ये नया प्लांट जेनेरेशन-3 (जी3) टेक्नोलॉजी से लैस है जो कि मौजूदा समय में विश्व की सबसे आधुनिक तकनीकों में से एक है.
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