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जानिए ब्रिटेन में मंजूरी पाने वाली पहली कोरोना दवा के बारे सबकुछ

Gulabi
5 Nov 2021 3:38 PM GMT
जानिए ब्रिटेन में मंजूरी पाने वाली पहली कोरोना दवा के बारे सबकुछ
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कोरोना वायरस के इलाज के लिए पहली गोली या पिल को ब्रिटेन में मंजूरी मिल गई है

लंदन. कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज के लिए पहली गोली या पिल को ब्रिटेन में मंजूरी मिल गई है. Molnupiravir नाम की इस दवा ने कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ बेहतर परिणाम दिए थे. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि यह पिल बड़े स्तर पर कब तक उपलब्ध हो सकेगी. इस पिल को 18 या इससे ज्यादा उम्र के कोविड मरीज और गंभीर बीमारी के जोखिम वाले मरीज इस्तेमाल कर सकेंगे. कहा जा रहा है कि हल्के से मध्यम कोविड-19 के इलाजड के लिए इस दवा को पांच दिनों तक दिन में दो बार लिया जाना है. पिल को अमेरिका कंपनी मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथैरेप्यूटिक्स ने मिलकर तैयार किया है.

बीबीसी के अनुसार, वास्तविक रूप से फ्लू के इलाज के लिए तैयार की गई यह गोली अस्पताल में भर्ती होने या मौत के जोखिम को लगभग आधा कर देती है. स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने इस इलाज को 'गेमचेंजर' बताया है. उनकी तरफ से एक बयान जारी किया गया, 'आज का दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि ऐसे एंटीवायरल को मंजूरी देने वाला यूके विश्व का पहला देश बना गया है, जिसे घर पर लिया जा सकता है.'
मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी (MHRA) ने हल्के से मध्यम कोविड-19 मरीजों में Molnupiravir के इस्तेमाल की सिफारिश की है. हालांकि, शर्त यह भी है कि दवा उन मरीजों को दी जा सकती है, जिन्हें गंभीर रूप से बीमार होने का कम से कम एक जोखिम है. क्लीनिकल ट्रायल्स के डेटा के हवाले से एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आने और लक्षण नजर आने के पांच दिनों के भीतर इस पिल को लिया जा सकेगा.
ब्रिटेन इस पिल के 4 लाख 80 हजार कोर्सेज खरीदने के लिए तैयार हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि इनकी डिलीवरी नवंबर तक हो सकती है. शुरुआती तौर पर इस दवा को टीका प्राप्त और टीका हासिल नहीं करने वाले लोगों को नेशनल स्टडी के जरिए दिया जाएगा. इस दौरान बड़े स्तर पर खरीद से पहले दवा की प्रभावकारिता पर अतिरिक्त जानकारी जुटाई जाएगी.कोविड के इलाज के इस नए तरीके में उस एन्जाइम को लक्ष्य बनाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल वायरस खुद की कॉपियां बनाने में करता है. इस दवा के जरिए उनके जेनेटिक कोड में गलतियां शामिल की जाएंगी. इसके जरिए वायरस को बढ़ने से रोका जाएगा और ऐसे में शरीर में वायरस का स्तर कम होगा और बीमारी को ज्यादा गंभीरता कम होगी. मर्क ने कहा है कि यह नया तरीका वायरस के नए वैरिएंट्स के खिलाफ इलाज को और प्रभावी बनाएगा. क्योंकि वायरस भविष्य में विकसित होता है.
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