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72 वर्ष की आयु में किंग गुडविल ज्वेलिथिनी का निधन, इतने उम्र में बने थे राजा
Apurva Srivastav
12 March 2021 2:53 PM GMT
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दक्षिण अफ्रीका के जुलु राष्ट्र के पारंपरिक नेता किंग गुडविल ज्वेलिथिनी का एक महीने से अधिक समय तक अस्पताल में रहने के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया
दक्षिण अफ्रीका के जुलु राष्ट्र के पारंपरिक नेता किंग गुडविल ज्वेलिथिनी का एक महीने से अधिक समय तक अस्पताल में रहने के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. स्थानीय मीडिया के मुताबिक वह लंबे समय से डायबिटीज से जूझ रहे थे. आठवें जुलु राजा ज्वेलिथिनी ने 50 वर्षों से अधिक समय तक शासन किया. वह सबसे लंबे समय तक राज करने वाले जुलु राजा रहे.
जुलु राष्ट्र के पारंपरिक नेता रहते हुए वह किसी राजनीतिक पद पर नहीं रहे. हालांकि देश की लगभग लगभग 1 करोड़ 20 लाख जुलु आबादी पर उनका प्रभाव माना जाता है. अपनी करीब 50 साल के शासन में उन्होंने कई विवादित फैसले भी लिए. उनकी छह पत्नियां और 28 बच्चे हैं. गरीबी से जूझ रहे इस राष्ट्र में भी वह शान-ओ-शौकत की जिंदगी बिताया करते थे. 65 साल की उम्र में उन्होंने स्वाजीलैंड की क्वीन जोला माफू से शादी की थी.
23 साल की उम्र में बने थे राजा
1968 में अपने पिता बेकुजुलु कासोलोमन के निधन के बाद वह राजा बन गए थे. मगर मारे जाने के डर से उन्हें तीन साल तक देश से बाहर सेंट हेलेना द्वीप पर रहना पड़ा. प्रिंस इजरायल मैक्वेजिनी ने तब तक गद्दी संभाली थी. 3 दिसंबर, 1971 को औपचारिक तौर पर उन्होंने शासन संभाला था.
अजीबोगरीब परंपरा की शुरुआत की
किंग गुडविल ज्वेलिथिनी ने अजीबोगरीब पंरपरा को भी फिर से शुरू किया था. यहां होने वाले सालाना रीड डांस फेस्टिवल को फिर से शुरू कराया था. इस फेस्टिवल में हजारों अविवाहित लड़कियां अर्ध-नग्न अवस्था में डांस करती हैं. 1984 में उन्होंने इस डांस फेस्टिवल की शुरुआत की. इसके अनुसार कुवांरी लड़कियां राजा के सामने डांस करके अपनी वर्जिनिटी का जश्न मनाती हैं. उनके शासनकाल में यह फेस्टिवल हर साल जोरशोर से मनाया जाता रहा.
समलैंगिकों से नफरत
किंग गुडविल को समलैंगिकों से नफरत थी. उनकी नजर में वह 'कीड़े' जैसे थे. इसके अलावा 2015 में भी उन्होंने एक नए विवाद को जन्म दे दिया था. उन्होंने बयान दिया था कि दक्षिण अफ्रीका में बढ़ते अपराधों के पीछे बाहरी लोग हैं और उन्हें भगा देना चाहिए. इसके बाद खासतौर से अफ्रीकी प्रवासियों पर हमले बढ़ गए थे. सात लोगों की मौत हो गई थी और हजारों को देश छोड़ना पड़ा था. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने कहा था, 'अगर सच में मैंने ऐसा कहा होता तो लोग एक-दूसरे को मार चुके होते. पूरा देश राख का ढेर बन जाता.'
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