उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की शक्तिशाली बहन किम यो-जोंग ने अमेरिका के साथ कूटनीति जल्द बहाल होने की संभावनाएं पूरी तरह खारिज कर दी हैं। उन्होंने कहा है कि वार्ता को लेकर अमेरिका की उम्मीदें 'उसे और अधिक निराश करेंगी'। इससे पहले किम जोंग-उन ने हाल ही में अपने अफसरों से कहा था कि वे संवाद और टकराव दोनों के लिए तैयार रहें।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने किम जोंग के बयान को 'दिलचस्प संकेत' बताया था। सुलिवन की टिप्पणी के बाद किम जोंग की बहन किम यो-जोंग ने मंगलवार को अमेरिका के साथ वार्ता के मामले में देश की स्थिति साफ कर दी। सरकारी मीडिया के अनुसार उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि अमेरिका हालात की व्याख्या स्वयं को दिलासा देने के लिए कर रहा है।
उन्होंने कहा, अमेरिका की यह उम्मीद उसे और निराश कर देगी। उनका यह बयान तब आया, जब उत्तर कोरिया मामलों के शीर्ष अमेरिकी दूत सुंग किम दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं। सुंग किम ने सोमवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तर कोरिया वार्ता के अमेरिकी प्रस्तावों पर जल्द ही सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा। दूसरी ओर, किम ने अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने की धमकी दी है और कहा है कि कूटनीति और द्विपक्षीय संबंधों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वाशिंगटन उन नीतियों को छोड़ता है या नहीं, जिन्हें वह शत्रुतापूर्ण समझते हैं।
कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि किम जोंग उन का बयान यह दर्शाता है कि वह अपने परमाणु हथियार के जखीरे को मजबूती से बढ़ाना चाहते हैं और अमेरिका पर उसकी नीतियों को छोड़ने का दबाव बनाना चाहते हैं जिसे उत्तर कोरिया शत्रुतापूर्ण नीति बताता है। हालांकि किम बातचीत बहाल करने के लिए भी तैयार हैं। देश में सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक में बृहस्पतिवार को किम ने जो बाइडन के नेतृत्व में अमेरिकी नीतियों का विस्तार से विश्लेषण किया।