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किम जोंग ने फिर दी परमाणु हथियारों की धमकी, फलस्तीनी हमलावरों ने सुरक्षा गार्ड को मारी गोली

Subhi
1 May 2022 12:42 AM GMT
किम जोंग ने फिर दी परमाणु हथियारों की धमकी, फलस्तीनी हमलावरों ने सुरक्षा गार्ड को मारी गोली
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उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने एक बार फिर चेताया कि यदि उनके देश को धमकी दी गई, तो वह अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल पहले भी कर सकते हैं।

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने एक बार फिर चेताया कि यदि उनके देश को धमकी दी गई, तो वह अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल पहले भी कर सकते हैं। समाचार एजेंसी (केसीएनए) ने किम जोंग के हवाले से कहा, यह शत्रु देशों से लगातार बढ़ते परमाणु खतरों के मद्देनजर जरूरी है।

किम ने राजधानी प्योंगयांग में इस सप्ताह एक विशाल सैन्य परेड के आयोजन को लेकर अपने शीर्ष सैन्य अधिकारियों की प्रशंसा भी की है। उन्होंने उत्तर कोरियाई सेना को एटमी हथियारों से लैस करने की कोशिशें जारी रखने की दृढ़ इच्छाशक्ति भी जताई।

उत्तर कोरिया ने इस सप्ताह सैन्य परेड में अपनी सेना के परमाणु कार्यक्रम के अंतर्गत सबसे शक्तिशाली हथियारों का प्रदर्शन किया। परेड में अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलें भी प्रदर्शित की गईं। इस परेड का आयोजन उत्तर कोरिया की सेना की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर किया गया था।

वेस्ट बैंक में फलस्तीनी हमलावरों ने सुरक्षा गार्ड को गोली मारी, मौत

इस्राइली सेना ने कहा है कि फलस्तीनी हमलावरों ने वेस्ट बैंक में एक यहूदी बस्ती के प्रवेश द्वार पर एक सुरक्षा गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी। इस बीच, फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस्राइली सैनिकों ने शनिवार को ही कलकिल्या के पास एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी।

शनिवार तड़के हमलावर एरियल बस्ती के प्रवेश द्वार पर पहुंचे और सुरक्षा गार्ड को उसकी चौकी पर गोली मार दी और फिर वहां से फरार हो गए। इस्राइली सेना ने हत्यारों की तलाश में उत्तरी वेस्ट बैंक में तलाशी अभियान शुरू किया है। सेना ने हमास समूह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया, लेकिन तत्काल इसका कोई संकेत नहीं कि वे हमले में शामिल थे।

इस बीच, फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस्राइली सैनिकों ने शनिवार तड़के कलकिल्या शहर के पास अजौन गांव में संघर्ष के दौरान 27 वर्षीय एक फलस्तीनी युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। पिछले दो माह में यहां जारी संघर्ष में 15 इस्राइली और 27 फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं।

कनाडा : कोरोना प्रतिबंधों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

कनाडा के ओटावा शहर में शुक्रवार रात कोविड-19 पाबंदियों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का पुलिस से आमना-सामना हुआ। इस दौरान कई लोगों के साथ मारपीट होने की खबरें हैं जबकि कई लोग गिरफ्तार भी कर लिए गए।

कोविड-19 पाबंदियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले समूह 'फ्रीडम फाइटर्स कनाडा' द्वारा आयोजित 'रोलिंग थंडर' नामक रैली के दौरान कुछ ट्रक पार्लियामेंट हिल की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे।

ओटावा पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों को लंबे समय तक प्रदर्शन नहीं करने दिया जाएगा। शुरुआत में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन शाम को पुलिस ने शहर में घुसने की कोशिश कर रहे एक बड़े काफिले को चेतावनी दी। देखते ही देखते सैंकड़ों प्रदर्शनकारी संसद के बाहर खड़े ट्रकों के पास जमा हो गए। पुलिस ने ट्रकों के पास जा रही भीड़ को पीछे धकेला और कई प्रदर्शनकारी को गिरफ्तार कर लिए।

निर्वासित तिब्बती नेता ने चीन के खिलाफ अमेरिका में मांगा समर्थन

निर्वासित सरकार में केंद्रीय तिब्बत प्रशासन अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद पेनपा शेरिंग पहली बार अमेरिका यात्रा पर पहुंचे। यहां कांग्रेस नेताओं, गृह विभाग अधिकारियों, नागरिक संगठनों, तिब्बती और चीनी मूल के अमेरिकियों से उन्होंने तिब्बत के लिए समर्थन देने की अपील की।

24 से 30 अप्रैल की अमेरिका यात्रा के दौरान पेनपा ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नेंसी पेलोसी से वार्ता की। इस दौरान इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत के चेयरमैन रिचर्ड गेर और तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के प्रतिनिधि नामग्लाय चोडुप भी मौजूद थे।

रेडियो फ्री एशिया ने रिचर्ड गेर के हवाले से कहा, हम चीन के सालों से फैलाए गए इस झूठ का खुलासा करने का प्रयास कर रहे हैं कि तिब्बत उसका भाग है। हम चीन और दलाई लामा के बीच सार्थक वार्ता कराने का प्रयास कर रहे हैं।

चोडुप ने तिब्तियों के लगातार समर्थन के लिए पेलोसी को धन्यवाद देते हुए बातचीत को निर्णायक और रचनात्मक करार दिया। चीन-तिब्बत विवाद सुलझाने के लिए भविष्य की कार्ययोजना भी बनाई गई। पेनपा ने अमेरिका की उपविदेशमंत्री और 2021 तक तिब्बत मुद्दे की विशेष समन्वयक रही उर्जा जेया, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दूत राशिद हुसैन, चीन के लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। एजेंसी

नेहरू-माउंटबेटन पत्राचार के संपादित अंश होंगे उपलब्ध

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना की व्यक्तिगत डायरियों और पत्रों का विवरण संपादित ही रहेगा। आम लोगों के लिए इन पत्रों को पूरी तरह सार्वजनिक करने या संपादित ही उपलब्ध कराने पर ब्रिटेन के एक ट्रिब्यूनल ने यह फैसला लिया है।

ब्रिटेन के फर्स्ट टियर ट्रिब्यूनल (सूचना अधिकार) की अध्यक्ष जज सोफी बुकले ने वर्ष 1930 की डायरियों और व्यक्तिगत पत्रों के कुछ संपादित अंशों का भविष्य तय किया है। उन्होंने हाल ही में निष्कर्ष निकाला था कि साउथम्पटन यूनिवर्सिटी के पास लेडी माउंटबेटन के भारत के नवनियुक्त प्रधानमंत्री को पत्र (33 फाइल,1948-60) शीर्षक से कोई पत्राचार उपलब्ध नहीं हैं। इसकी प्रतियां ब्रॉडलैंड आर्काइव में हैं। माउंटबेटन से संबंधित यह मामला ऐतिहासिक रूप से खासा महत्वपूर्ण है। एजेंसी

संयुक्त राष्ट्र मिशन में उत्कृष्ट कार्य के लिए भारतीय शांति सैनिक सम्मानित

दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में सेवारत 1,100 से अधिक भारतीय शांति सैनिकों को उत्कृष्ट कार्य के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया है। यूएनएमआईएसएस ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी।

ट्वीट के मुताबिक, यूएनएमआईएसएस के शांति सैनिक न केवल आम नागरिकों की रक्षा करते हैं, बल्कि भारत से दक्षिण सूडान में आए लगभग 1,160 शांति सैनिकों ने सड़कों का पुनर्निर्माण किया है। इसके अलावा वे लोगों और जानवरों को भी चिकित्सा उपचार देते हैं। इसके लिए वे संयुक्त राष्ट्र के पदकों के पात्र हैं।

यूएनएमआईएसएस वेबसाइट पर पोस्ट की गई एक खबर में कहा गया है कि वर्तमान में दक्षिण सूडान के अपर नाइल स्टेट में सेवारत 1,160 भारतीय शांति सैनिकों को 'उनके उत्कृष्ट व उल्लेखनीय कार्यों' के लिए सम्मानित किया गया है।

यमन में 7 भारतीयों व अन्य की रिहाई का यूएन ने किया स्वागत

यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत हंस ग्रैंडबर्ग के उप प्रवक्ता फरहान हक ने हूती विद्रोहियों की हिरासत से सात भारतीय नाविकों सहित विदेशी नागरिकों की रिहाई का स्वागत किया है। भारत ने उन सात भारतीय नाविकों की रिहाई के लिए 25 अप्रैल को ओमान और अन्य संबंधित पक्षों को धन्यवाद दिया था, जिन्हें दो जनवरी से यमन में हूतियों ने अपनी हिरासत में रखा था। हक ने कहा, हम हिरासत में लिए गए इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, फिलीपीन, म्यांमार और ब्रिटेन के 12 विदेशी नागरिकों की रिहाई का स्वागत करते हैं।

धर्मलिंगम को उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत मिली फांसी

प्रधानमंत्री ली सीन लूंग और विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने मलयेशियाई मंत्रियों से कहा है कि मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले भारतीय मूल के मलेशियाई तस्कर नागेंद्र धर्मलिंगम को उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत ही बुधवार को मौत की सजा दी गई है।

मलयेशियाई की सरकारी समाचार एजेंसी बर्नमा ने कहा कि मलयेशिया के पीएम इस्माइल साबरी याकूब और विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने इस सप्ताह सिंगापुर के पीएम व विदेश मंत्री को पत्र भेजकर धर्मलिंगम के मृत्युदंड पर विचार करने और इसे कम करने के लिए कहा था। सिंगापुर विदेश मंत्रालय ने कहा, धर्मलिंगम को उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा सुनाई गई है।


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