विश्व
बिना ऑर्डर के किलर रोबोट्स ने इंसान का किया शिकार, ये बेहद खतरनाक: संयुक्त राष्ट्र
Apurva Srivastav
30 May 2021 5:30 PM GMT
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तुर्की की कंपनी ने बनाया है ड्रोन
ड्रोन ने जिसे अपना शिकार बनाया, वो एक मिलिट्री कमांडर था और लड़ाई में बेहद अहम स्थान रखता था. बता दें कि साल 2020 में यूएन में हुई बहस में 30 देशों ने रोबोट्स को हथियारों से लैस करने का विरोध किया था.
किलर रोबोट
इंसानों के लिए अगला सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर सकते हैं लड़ाकू रोबोट. इन रोबोट्स को किलर रोबोट भी कहा जाता है. यूएन ने बताया है कि इसकी शुरुआत हो गई है, क्योंकि अफ्रीका के अशांत देश लीबिया में किलर रोबोट्स ने अपना पहला शिकार कर लिया है, वो भी बिना इंसानी कंट्रोल के. जी हां, सुनने में ये बात अजीब भले लग रही हो, लेकिन ये 16 आने सच है.
यूएन का दावा
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि एक इंडिपेंडेंट किलर ड्रोन ने लीबिया में बिना इंसानी अनुमति के ही अपने शिकार को ढूंढा और उसे खत्म कर दिया. बता दें कि साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र में किलर रोबोट्स को लेकर एक प्रस्ताव पेश हुआ था. लेकिन इसका तीखा विरोध हुआ था और साल 2020 में हुई वोटिंग में किलर रोबोट्स को खारिज कर दिया गया था.
तुर्की की कंपनी ने बनाया है ड्रोन
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की ये रिपोर्ट मार्च 2021 में आई थी. जिसमें बताया गया कि साल 2020 में लीबिया में Kargu-2 नाम के किलर ड्रोन ने इस कारनामे को अंजाम दिया. ये ड्रोन तुर्किश मिलिट्री टेक्नोलॉजी कंपनी एसटीएम ने बनाया है.
लीबिया में किया पहला शिकार
कार्गू-2 ड्रोन विस्फोटक से लैस रहता है और अपना शिकार ढूंढकर खुद खत्म करता है. ये ड्रोन कमिकेज स्टाइल अटैक्स यानी सुसाइडल अटैक करता है. लीबिया में ये हमला सरकारी सेना और खालीफा हफ्तार की लीबियन नेशनल आर्मी के बीच लड़ाई में हुआ है.
कमांडर को किया ढेर
द स्टार की खबर के मुताबिक ड्रोन ने पहले से तय शिकार को खुद ही ढूंढ लिया और उसपर हमला कर उसकी जान ले ली. ड्रोन ने जिसे अपना शिकार बनाया, वो एक मिलिट्री कमांडर था और लड़ाई में बेहद अहम स्थान रखता था. बता दें कि साल 2020 में यूएन में हुई बहस में 30 देशों ने रोबोट्स को हथियारों से लैस करने का विरोध किया था.
Apurva Srivastav
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