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तालिबान सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी मारा, एक दिन पहले मांगी थी मदद

Neha Dani
15 Sep 2021 2:28 AM GMT
तालिबान सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी मारा, एक दिन पहले मांगी थी मदद
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पंजशीर पर कब्जे में तालिबान का पसीना छूट गया था, लिहाजा अब वो वहां के लोगों पर अपना गुस्सा निकाल रहा है.

तालिबान (Taliban) चुन-चुनकर अपने दुश्मनों को मौत के घाट उतार रहा है. अब उसने अफगानिस्तानी स्नाइपर नूर (Afghan Sniper Noor) की बेहरमी से हत्या कर दी है. जबकि अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसने दावा किया था कि वो अमेरिकी या ब्रिटिश सेना के लिए काम कर चुके किसी भी शख्स को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और ना ही बदले की भावना से काम करेगा. तालिबानी लड़ाकों ने नूर के परिवार के सामने ही उसकी हत्या कर दी.

Kabul में ही फंस गया था Sniper
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तानी स्नाइपर नूर (Afghan Sniper Noor) ब्रिटेन की स्पेशल फोर्स की देखरेख में काम करता था और ब्रिटिश द्वारा प्रशिक्षित अफगानिस्तान यूनिट सीएफ333 का हिस्सा था. तालिबानी लड़ाकों ने नूर की छाती में तीन बार गोली मारी. नूर की यूनिट से जुड़े कई लोग 15 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पहुंचकर अपनी जान बचाकर भाग निकले थे, लेकिन नूर वहीं रह गया था.
मदद से पहले पहुंच गई मौत
स्काई न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अफगान स्नाइपर ने हत्या से एक दिन पहले ही मदद मांगी थी. उसने अपने एक साथी को संदेश भेजकर कहा था कि उसे काबुल से बाहर निकलना है. पूर्व अफगान सरकार में दुभाषिए का काम करने वाले रफी होट्टाक ने बताया कि नूर ने उन्हें रविवार को संदेश भेजकर मदद मांगी थी, लेकिन इससे पहले कि कुछ किया जाता उसकी हत्या हो गई.
गुस्से में British Troops
वहीं, इस हत्या के बाद ब्रिटिश मिलिट्री के सदस्य गुस्से में हैं. एसएएस में स्पेशलिस्ट ऑपरेशन्स के कमांडर और पूर्व कर्नल एलेक्जेंडर कूपर ने ट्वीट करते हुए कहा कि तालिबान ने नूर को मार गिराया है. उसका जुर्म क्या था? उसने सालों तक वफादारी और प्रोफेशनल तरीके से अपने देश की सेवा की थी. उधर, तालिबानी क्रूरता की कुछ और खबरें भी सामने आई हैं. तालिबान आम लोगों को भी बेहरमी से मार रहा है.
मारा, लटकाया और भून दिया
'द सन' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तालिबानी लड़ाकों ने हाल ही में दो नागरिकों को मौत के घाट उतारा फिर उनके शवों को लटकाकर गोलियों से भून दिया. मृतकों में एक दुकानदार भी शामिल है, जिसने तालिबानी कब्जे के दौरान यह कहते ही मुल्क छोड़ने से इनकार कर दिया था कि उसका युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है. दो बच्चों का पिता अब्दुल समीम मोबाइल शॉप चलाता था. तालिबानी आतंकियों ने उस पर विरोधियों को सिमकार्ड बेचने का आरोप लगाते हुए मौत के घाट उतार दिया.
Car में डालकर ले गए लड़ाके
लड़ाके पहले दोनों नागरिकों को कार के डिक्की में बंद करके कहीं ले गए, फिर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया. अब्दुल समीम का शव उसके घर से कुछ ही दूरी पर मिला. पंजशीर में तालिबानी खूब कत्लेआम कर रहे हैं. यहां करीब 20 निर्दोष नागरिकों को मारे जाने की खबर है. बता दें कि पंजशीर पर कब्जे में तालिबान का पसीना छूट गया था, लिहाजा अब वो वहां के लोगों पर अपना गुस्सा निकाल रहा है.


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