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जूडो क्लास में बच्चे का मर्डर! ताइवान में हुए इस हैरतअंगेज मामले को जानकर रह जाएंगे दंग

Gulabi
1 July 2021 1:01 PM GMT
जूडो क्लास में बच्चे का मर्डर! ताइवान में हुए इस हैरतअंगेज मामले को जानकर रह जाएंगे दंग
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जूडो क्लास में बच्चे का मर्डर

ताइवान (Taiwan) में एक हैरान करने वाला सामने आया है. जहां सात साल के एक मासूम बच्चे के साथ हुई सख्ती की वजह से उसकी जान चली गई. वहीं इस मौत की वजह उसे मिली एक सजा और सख्त ट्रेनिंग को भी माना जा रहा है. आपको बता दें कि ये नन्हा मासूम 70 दिन तक आईसीयू (ICU) में मौत के साथ जंग लड़ रहा था. इस मामले में बच्चे के कोच को आरोपी बनाया गया है जो फिलहाल जमानत पर बाहर है.


यूं बुझ गया नन्हा सितारा
आपको बता दें कि जब डॉक्टरों ने उसकी हालत को लेकर जवाब दे दिया तब उसके परिजनों ने उसे आईसीयू से निकालने का फैसला लिया. बच्चे की मौत के बाद अब जूडो कोच के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. दरअसल जूडो प्रैक्टिस के दौरान सात साल के इस मासूम को उसके सीनियर ने 27 बार जमीन पर पटका था, जिसके चलते उसे ब्रेन हैमरेज हो गया. कई दिनों बाद आखिर वो मासूम जिंदगी की जंग हार गया.

वीडियो से सामने आई सच्चाई
ये मामला इसी साल अप्रैल 2021 में सामने आया जब जूडो क्लास में गंभीर रूप से घायल मासूम को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जूडो प्रैक्टिस के दौरान मासूम बच्चे को उसके सीनियर ने 27 बार जमीन पर पटका था, जिसके चलते उसे ब्रेन हैमरेज हो गया. स्थानीय मीडिया ताइपे टाइम्स के मुताबिक कोच की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है जिसकी नाकामी की वजह से उसे गंभीर चोट लगी.

ये भी पढ़ें- बिना 'दिल' के 555 दिन जिंदा रहा शख्स, जानें कैसे हुआ ये चमत्कार

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उस 7 साल के मासूम को उफ मेरा पैर, मेरा सर और मैं ये सब नहीं चाहता जैसे शब्द कहते सुना और देखा जा सकता है. लेकिन कोच फाइट रोक कर उस मासूम को बचाने के बजाए उसके सीनियर को उकसाता रहा. वहीं मामला अदालत में है अगर कोच को दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कैद की सजा मिल सकती है.

'इससे भयावाह कुछ भी नहीं'
बच्चे की मां ने कहा कि इस मामले में जो कुछ भी हुआ बेहद भयावाह था. उन्होंने कहा, ' वो आईसीयू में था. मंगलवार रात नौ बजे डॉक्टरों ने बताया कि उसका ब्लड प्रैशर और हार्ट बीट कम हो रही है. जिसके बाद उसे आईसीयू से बाहर निकाल लिया गया.'

बच्चे की मौत के बाद ताइवान के सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई. लोगों ने मासूम की मौत पर दुख जताया है. वहीं कोच की गिरफ्तारी और उसके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगाने के साथ मृतक बच्चे के परिजनों को मुआवजा देने की मांग तेज हो रही है.ताइवान (Taiwan) में एक हैरान करने वाला सामने आया है. जहां सात साल के एक मासूम बच्चे के साथ हुई सख्ती की वजह से उसकी जान चली गई. वहीं इस मौत की वजह उसे मिली एक सजा और सख्त ट्रेनिंग को भी माना जा रहा है. आपको बता दें कि ये नन्हा मासूम 70 दिन तक आईसीयू (ICU) में मौत के साथ जंग लड़ रहा था. इस मामले में बच्चे के कोच को आरोपी बनाया गया है जो फिलहाल जमानत पर बाहर है.

यूं बुझ गया नन्हा सितारा
आपको बता दें कि जब डॉक्टरों ने उसकी हालत को लेकर जवाब दे दिया तब उसके परिजनों ने उसे आईसीयू से निकालने का फैसला लिया. बच्चे की मौत के बाद अब जूडो कोच के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. दरअसल जूडो प्रैक्टिस के दौरान सात साल के इस मासूम को उसके सीनियर ने 27 बार जमीन पर पटका था, जिसके चलते उसे ब्रेन हैमरेज हो गया. कई दिनों बाद आखिर वो मासूम जिंदगी की जंग हार गया.

वीडियो से सामने आई सच्चाई
ये मामला इसी साल अप्रैल 2021 में सामने आया जब जूडो क्लास में गंभीर रूप से घायल मासूम को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जूडो प्रैक्टिस के दौरान मासूम बच्चे को उसके सीनियर ने 27 बार जमीन पर पटका था, जिसके चलते उसे ब्रेन हैमरेज हो गया. स्थानीय मीडिया ताइपे टाइम्स के मुताबिक कोच की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है जिसकी नाकामी की वजह से उसे गंभीर चोट लगी.

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इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उस 7 साल के मासूम को उफ मेरा पैर, मेरा सर और मैं ये सब नहीं चाहता जैसे शब्द कहते सुना और देखा जा सकता है. लेकिन कोच फाइट रोक कर उस मासूम को बचाने के बजाए उसके सीनियर को उकसाता रहा. वहीं मामला अदालत में है अगर कोच को दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कैद की सजा मिल सकती है.

'इससे भयावाह कुछ भी नहीं'
बच्चे की मां ने कहा कि इस मामले में जो कुछ भी हुआ बेहद भयावाह था. उन्होंने कहा, ' वो आईसीयू में था. मंगलवार रात नौ बजे डॉक्टरों ने बताया कि उसका ब्लड प्रैशर और हार्ट बीट कम हो रही है. जिसके बाद उसे आईसीयू से बाहर निकाल लिया गया.'

बच्चे की मौत के बाद ताइवान के सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई. लोगों ने मासूम की मौत पर दुख जताया है. वहीं कोच की गिरफ्तारी और उसके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगाने के साथ मृतक बच्चे के परिजनों को मुआवजा देने की मांग तेज हो रही है.


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