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अन्य गतिविधियों को तुरंत रोकने और इसे खाली करने के निर्देश दिए हैं।
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार ने सिख शासक हरि सिंह नलवा के शासनकाल में बनाए गए 19वीं शताब्दी के गुरुद्वारे को अपने कब्जे में ले लिया है। सरकार ने इस गुरुद्वारे को पुनर्निर्मित करने और श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला लिया है।
खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार ने कब्जे में ली धार्मिक धरोहर
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल मनसेहरा जिले में सिखों का यह गुरुद्वारा बंद है और यहां एक अस्थायी पुस्तकालय चलता है। प्रांतीय सरकार ने कहा कि गुरुद्वारे के जीर्णोद्धार से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि दुनिया भर से बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे को लेकर रुचि दिखाई है।
इससे पहले फरवरी में, प्रांतीय औकाफ और धार्मिक मामलों के विभाग ने स्थानीय सरकार को लाहौर में इवैक्यूई प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) के साथ इसे कब्जे में लेने की सिफारिश की थी। ईपीटीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो उन हिंदुओं और सिखों की उन धार्मिक संपत्तियों व तीर्थस्थलों का प्रबंधन करता है जो विभाजन के बाद भारत चले गए। सरकार ने अब यहां के पुस्तकालय सहित भवन परिसर में चलने वाली अन्य गतिविधियों को तुरंत रोकने और इसे खाली करने के निर्देश दिए हैं।
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