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खाशोज्‍जी मर्डर केस : सऊदी के क्राउन प्रिंस के खिलाफ पेश किया विधेयक

Neha Dani
3 March 2021 3:07 AM GMT
खाशोज्‍जी मर्डर केस : सऊदी के क्राउन प्रिंस के खिलाफ पेश किया विधेयक
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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई थी।

अमेरिकी कानूनविद व मिनेसोटा से डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर ने मंगलवार को पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या में शामिल होने के लिए सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) को प्रतिबंधित करने के लिए एक विधेयक पेश किया।

उन्होंने यह विधेयक तब पेश किया जब एक अमेरिकी रिपोर्ट में यह बात सामने आ आई की खाशोज्जी की हत्या की मंजूरी सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने दी थी। बता दें खाशोज्जी सऊदी नागरिक थे और इस्तांबूल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में अमेरिका के निवासी थे।
द ऑफिस ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (ओडीएनआईI) के निदेशक ने पिछले शुक्रवार को अमेरिकी जासूस एजेंसियों द्वारा तैयार की गई एक अघोषित रिपोर्ट जारी की, जिसमें खाशोज्जी को मारने वाले 2018 के ऑपरेशन की योजना के लिए एमबीएस को दोषी ठहराया गया था।
मिनेसोटा से डेमोक्रेट सांसद उमर ने एक बयान में कहा, 'अगर अमेरिका वास्तव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों का समर्थन करता है तो मोहम्मद बिन सलमान को प्रतिबंधित नहीं किए जाने की कोई वजह नहीं है, जिनके बारे में हमारी अपनी ही खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने अमेरिका में रह रहे सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या से जुड़ी साजिश को मंजूरी दी थी। यह मानवता को लेकर हमारी परीक्षा भी है।'
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश विभाग ने एमबीएस को दंडित करने से इनकार कर दिया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि वाशिंगटन अमेरिका-सऊदी संबंध को न तोड़ने और फिर से गहरे संबंध स्थापित करने के लिए काम कर रहा है।
एमबीएस को प्रतिबंधित नहीं किए जाने के बाइडेन प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए नेड प्राइस ने कहा, 'हम अमेरिका-सऊदी संबंधों को सही पायदान पर लाने के लिए काम कर रहे हैं।'
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या दो अक्टूबर, 2018 को कर दी गई थी, जब वह तुर्की के इस्तांबूल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में अपनी पूर्व पत्नी अला नासिफ से तलाक से जुड़े कागजात लेने गए थे, ताकि वह अपनी मंगेतर हैटिस केंगिज ने निकाह कर सकें।
हालांकि, दूतावास में दाखिल होने के बाद खाशोज्जी के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका और बाद में उनकी हत्या की जानकारी सामने आई थी। उनकी हत्या की घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया था और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई थी।


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