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बीजिंग, (आईएएनएस)| पश्चिमोत्तर चीन के रेगिस्तान में स्थित कानसू प्रांत का तुनह्वांग शहर प्राचीन रेशम मार्ग का महत्वपूर्ण कस्बा था। विश्वविख्यात मोकाओ गुफा यहां पर स्थित है, जो दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे व्यापक विषय वाला बौद्ध धर्म का पवित्र स्थल है। मोकाओ गुफा के पास तुनह्वांग अनुसंधान संस्थान स्थित है। पीढ़ी दर पीढ़ी शोधकर्ता मोकाओ गुफा की रक्षा करने का प्रयास करते रहे हैं। हान वेईमंग उनमें से एक हैं। वर्ष 2003 में शीआन कला विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद हान वेईमंग ने तुनह्वांग अनुसंधान संस्थान के ललित कला अध्ययन केंद्र में भित्ति चित्र की प्रतिलिपि करने का काम शुरू किया। अब तक करीब 20 साल हो चुके हैं। वर्ष 2017 से हान वेईमंग और सहकर्मी मोकाओ गुफा के नंबर 172 गुफा में भित्ति चित्र की प्रतिलिपि और अध्ययन करने में व्यस्त हैं। यह काम पूरा करने में लंबे समय की जरूरत है, क्योंकि भित्ति चित्र की हर रेखा और हर रंग को मूल के अनुरूप कायम रखना पड़ता है।
अगस्त 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने तुनह्वांग अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और तुनह्वांग में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और शैक्षणिक अनुसंधान की स्थिति के बारे में जानकारी ली। शी चिनफिंग ने कहा कि पूर्वजों द्वारा छोड़े गए अनमोल सांस्कृतिक विरासतों के मूल्य को समझते हुए आधुनिक तकनीक के सहारे संरक्षण का स्तर उन्नत करना चाहिए, ताकि विश्व सांस्कृतिक विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रहे। अब तक तुनह्वांग अनुसंधान संस्थान ने मोकाओ गुफा के 270 से अधिक गुफा के भित्ति चित्रों का डिजिटल अधिग्रहण पूरा किया।
हान वेईमंग ने कहा कि सभी शोधकर्ता तुनह्वांग संस्कृति के संरक्षण, अनुसंधान और विकास करने में जुटे हैं। सभी लोग एक साथ तुनह्वांग की सुंदरता की रक्षा कर रहे हैं।
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