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पाकिस्तान की सरकार मरने के बाद भी बलूचों की प्रभावी नेता करीमा बलूच से भयभीत है।
पाकिस्तान की सरकार मरने के बाद भी बलूचों की प्रभावी नेता करीमा बलूच से भयभीत है। उसने रविवार को करीमा के शव के पाकिस्तान एयरपोर्ट पर पहुंचते ही अपने कब्जे में ले लिया और अज्ञात स्थान पर ले गए। सरकार की इस करतूत के बारे में करीमा के भाई समीर मेहराब ने जानकारी दी है। उनका आरोप है कि शव को ले जाते समय सेना ने उनके परिवार को भी बंधक बना लिया था।
करीमा बलूच के भाई ने ट्वीट किया कि बहिन के जिंदा रहने पर उसका पाक सेना द्वारा अपहरण किए जाने का भय बना रहता था, लेकिन यह नहीं मालूम था कि उसके शव का भी सेना अपहरण कर सकती है। करीमा की हत्या दिसंबर में कनाडा के टोरंटो में हो गई थी। इस हत्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पर आरोप लगाए गए थे। करीमा के शव को रविवार को दफनाने के लिए पाकिस्तान लाया गया था। यहां पर कराची एयरपोर्ट पर उतरते ही बलूचिस्तान जाने से पहले ही सेना ने घेर लिया और सेना अपने छह वाहनों में करीमा के शव और परिजनों को बंधक बनाकर अज्ञात स्थान पर ले गई।
बलूच नेता लतीफ जौहर ने पाकिस्तानी सरकार से करीमा के शव को परिजनों को सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का अमानवीय कृत्य है। करीमा के शव को जबरन कब्जे में लेने की बलूच सोलिडेरिटी कमेटी ने कड़ी निंदा की है। संगठन ने बयान में कहा है कि करीमा के शव को कराची एयरपोर्ट से पूरे सम्मान के साथ बलूचिस्तान ले जाने की तैयारी थी।दिसंबर में करीमा का शव टोरंटो में एक झील के किनारे मिला था। हत्या के विरोध में अमेरिका, कनाडा, पाकिस्तान सहित कई देशों में जबर्दस्त प्रदर्शन हुए थे। पाकिस्तानी मामलों के जानकार तारिक फतेह और बी वागमर ने कनाडा की सरकार से अपील की है कि वह पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों पर पुनर्विचार करे।
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