विश्व

काबुल अपडेट: सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 100 से ज़्यादा, अमेरिका के 13 कमांडो मारे गए, सामने आया ये वीडियो

jantaserishta.com
27 Aug 2021 2:41 AM GMT
काबुल अपडेट: सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 100 से ज़्यादा, अमेरिका के 13 कमांडो मारे गए, सामने आया ये वीडियो
x

अफगानिस्तान पर तालिबान का राज स्थापित होने के बाद दुनिया को सबसे पहला बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर देर शाम एक के बाद एक तीन ब्लास्ट हुए. इन धमाकों में करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. ब्लास्ट के बाद आई काबुल से तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है और तालिबानी शासन का असली चेहरा सभी के सामने रख दिया है.

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में 100 से अधिक लोगों की जान गई है. जिसमें 13 अमेरिकी सेना के सैनिक हैं, जबकि 90 से अधिक अफगान नागरिक हैं. ये संख्या अभी भी बढ़ सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में गंभीर घायल लोग अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं.
अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोगों का निकलना जारी है, गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर जहां हजारों की संख्या में लोग विदेश जाने के लिए तैयार थे. उसी जगह पर ये तीन ब्लास्ट हुए है, इनमें से पहला ब्लास्ट सुसाइड अटैक था जिसकी पुष्टि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने की थी.


गुरुवार सुबह ही दी गई थी चेतावनी
ये आतंकी हमला तब हुआ था जब गुरुवार सुबह ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को इसके बारे में चेतावनी दी थी. सभी देशों ने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर जाने को कहा था, क्योंकि आतंकी हमले का खतरा था. इस चेतावनी के कुछ घंटों बाद ही काबुल एयरपोर्ट पर इतना भयावह हमला हो गया.
अमेरिका ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है, साथ ही चेतावनी भी दी है कि आतंकियों को इस हमले की कीमत चुकानी होगी. बीते दिन हमले के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम में पहुंचे, जहां से वो लगातार हर गतिविधि पर नज़र रख रहे थे. बता दें कि ये बीते 20 साल में अमेरिकी सेना पर हुआ इस तरह का सबसे बड़ा आतंकी हमला में से एक है.
तालिबान ने भी हमले की निंदा की
जिस आतंकी संगठन के हाथ में अब पूरे देश की कमान है, उस तालिबान ने भी इस हमले की निंदा की है. तालिबान की ओर से हमले के तुरंत बाद बयान देकर कहा गया कि जिन जगहों पर ये अटैक हुआ है, वहां पर अमेरिकी सेना का कंट्रोल है, ऐसे में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उन्हीं की है. तालिबान का कहना है कि ये हमले उनके द्वारा नहीं किया गया है.
तालिबान द्वारा इस आतंकी हमले के पीछे ISIS का हाथ बताया गया है, जो कुछ हदतक अफगानिस्तान में भी एक्टिव है. तालिबान का शासन आने के बाद अफगानिस्तान में इस तरह के आतंकी संगठनों का हौसला बढ़ा है और जिसका अब असर भी दिखने लगा है.


Next Story