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पीड़िता की मनोदशा के मद्देनजर फैसला
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लंदन: अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश महिला अधिकारों और आजादी को लेकर ज्यादा सजग माने जाते हैं. भारत में भी महिलाओं की स्थिति में तेजी से बदलाव आया है. संविधान और कानून से मिले अधिकारों की वजह से मिली खुशियों के बीच लंदन हाईकोर्ट (London High Court) से आया एक फैसला चर्चा में हैं. यहां एक बीमार महिला को लेकर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया वो अब वायरल है. ये फैसला एक 69 साल की महिला के मामले में आया जो एक ओल्ड एज केयर होम में रहती है और उसे वहीं रहने वाले एक शख्स से प्यार हो गया था.
पीड़िता की मनोदशा के मद्देनजर फैसला
यूके यानी ब्रिटेन के लंदन हाई कोर्ट (London High Court) ने डिमेंशिया (Dementia) से पीड़ित एक महिला को लेकर सुनाए अपने फैसले में कहा, 'महिला को सेक्स के लिए इजाजत दी जा सकती है, लेकिन वह शादी नहीं कर सकती. गौरतलब है कि डिमेंशिया वो बीमारी है जिससे पीड़ित किसी भी पुरुष या महिला को भूलने यानी याद्दाश्त की समस्या पैदा होती है. डॉक्टरों के मुताबिक डिमेंशिया पीड़ित के फैसले लेने की क्षमता पर भी अप्रत्याशित बुरा असर पड़ता है.
सोशल सर्विस काउंसिल ने की थी दखल की अपील
ब्रिटिश अखबार द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन हाई कोर्ट के एक जज ने कहा कि पीड़ित महिला की मानसिक क्षमता ऐसी नहीं है कि वह शादी को लेकर कोई फैसला कर सके. हालांकि, जज ने अपने फैसले में ये जरूर कहा कि वह महिला अपने सेक्शुअल रिलेशन को लेकर फैसला ले सकती है. दरअसल ब्रिटेन की सोशल सर्विस काउंसिल (Social service counsell) ने महिला के संबंध में कोर्ट से फैसले की मांग की थी.
जज ने कहा कि महिला के पास मुकदमा, घर, देखभाल, वित्तीय मामले, संपत्ति और शादी से जुड़े फैसले लेने की मानसिक क्षमता नहीं है. जज ने कहा कि महिला को इस बात का अंदाजा नहीं है कि तलाक या अन्य किसी दुखद स्थिति में उसकी संपत्ति का वारिस कौन होगा.
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