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पत्रकार की हत्या का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश

Shantanu Roy
7 Dec 2022 2:12 AM GMT
पत्रकार की हत्या का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
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मांगी रिपोर्ट

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकार को केन्या में वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या के मामले में रात तक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और घटना की जांच करने वाली समिति की जांच रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी. पाकिस्तान के पूर्व रिपोर्टर और एआरवाई टीवी के टीवी एंकर 49 वर्षीय शरीफ की 23 अक्टूबर को केन्या के नैरोबी से एक घंटे की दूरी पर एक पुलिस चौकी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे पाकिस्तान में बवाल मच गया था. हालांकि केन्याई पुलिस ने बाद में कहा कि यह एक बच्चे के अपहरण के मामले में शामिल एक कार की तलाशी के दौरान "गलत पहचान" का मामला था.

सीजेपी बांदियाल और न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति जमाल मंडोखिल, न्यायमूर्ति सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर की अध्यक्षता वाली एक बड़ी पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से निकटता के लिए जाने जाने वाले अशरफ शरीफ, केन्या भाग गए थे. उनपर इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राजद्रोह और "राज्य-विरोधी" स्टोरीज को फैलाने का आरोप लगा था. सुनवाई के दौरान, CJP बांदियाल ने आश्चर्य जताया कि अदालत को अभी तक सरकार की फैक्ट फाइंडिंग कमिटी द्वारा जांच रिपोर्ट क्यों नहीं प्रदान की गई. एक पत्रकार की हत्या कर दी गई. यह खुलासा होना चाहिए कि हत्या के पीछे कौन था.

उन्होंने पूछा, "सरकार द्वारा गठित आयोग की अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को क्यों नहीं दी गई?" एडीश्नल अटार्नी जनरल अमीर रहमान ने अदालत को सूचित किया कि रिपोर्ट मिलने के समय गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह फैसलाबाद में थे. उन्होंने कहा, "मंत्री द्वारा इसकी जांच करने के बाद रिपोर्ट को शीर्ष अदालत को सौंप दिया जाएगा." सीजेपी ने इसपर कहा, "क्या गृह मंत्री को रिपोर्ट में बदलाव करने की जरूरत है?", साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अदालत सनाउल्लाह को तलब कर सकती है.

बांदियाल ने कहा कि जांच करना सरकार का काम है, न्यायपालिका का नहीं. न्यायमूर्ति अहसान ने टिप्पणी की कि शरीफ को केन्या में "संदिग्ध परिस्थितियों" में मार दिया गया था और पूछा कि विदेश मंत्रालय द्वारा इसपर क्या कार्रवाई की गई. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या इस घटना पर पाकिस्तान या केन्या में कोई मामला दर्ज किया गया है या नहीं. अदालत ने तब विदेशी कार्यालय से कहा कि वह केन्या में प्राथमिकी की जांच और दर्ज करने के संबंध में अदालत को जवाब प्रस्तुत करें. सीजेपी ने कहा कि, "पत्रकार सत्य की आवाज हैं और सूचना का स्रोत भी हैं." मामले में विदेश सचिव, सूचना और प्रसारण सचिव, संघीय जांच एजेंसी और खुफिया ब्यूरो के प्रमुखों, आंतरिक सचिव और पाकिस्तान संघीय पत्रकार संघ के अध्यक्ष को नोटिस जारी किए गए.


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