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कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बाद लंबे समय से पाबंदियों और लॉकडाउन से अब ब्रिटेन बाहर आने के लिए तैयार है
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बाद लंबे समय से पाबंदियों और लॉकडाउन से अब ब्रिटेन बाहर आने के तैयार है। राहत के रोडमैप की घोषणा संसद में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन करेंगे। ब्रिटेन में अब तक एक लाख बीस हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण का शिकार होकर जान गंवा चुके हैं। आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमरा गई है। ब्रिटेन ने इस पर काबू पाने के लिए वैक्सीन लगाने का काम युद्धस्तर पर किया।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने घोषणा की है कि अब धीरे-धीरे हालात को सामान्य किया जाएगा। हमारे निर्णय ताजा आंकड़ों के आधार पर लिए जाएंगे। पहली प्राथमिकता बच्चों को स्कूल भेजे जाने की है। लोगों का अपने परिजनों से मिलना भी सुरक्षा के साथ अब शुरू होना चाहिए। लॉकडाउन से बाहर निकलने रोडमैप को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन संसद में बताएंगे। बाद में उस पर सभी सांसद वोटिंग भी करेंगे। फिलहाल ब्रिटेन में हर रोज 11 हजार से ज्यादा नए संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।
वैक्सीन मंत्री नाधिम जहावी ने कहा कि आठ मार्च से स्कूल खोलने की योजना है। 28 मार्च से दो परिवारों या छह लोगों को बाहर जाने की अनुमति होगी, इसके साथ ही खेल के मैदान भी खोल दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर सत्तारू़ढ़ कंजरवेटिव पार्टी का आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने का दबाव है। साथ ही वैज्ञानिकों की यह चेतावनी भी उन्हें परेशान कर रही है कि जल्दबाजी करने पर वायरस फिर फैल सकता है। ब्रिटेन में अब तक एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों के वैक्सीन लग चुकी है। जुलाई तक सबको वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है।
जॉनसन की योजना के अनुसार सांसदों को संसद में वोट करने का मौका मिलेगा। स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के अधिकारियों, जिनके पास अपने स्वयं के सार्वजनिक स्वास्थ्य फैसले लेने की जिम्मेदारी है, आने वाले महीनों में प्रतिबंधों को कम करने की उम्मीद है।
विदेश मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा है कि अपेक्षा से अधिक तेजी से चल रहे टीकाकरण से ना केवल संक्रमण में कमी आई बल्कि कोरोना से संक्रमित होने वालों से अस्पतालों पर भी बोझ घटा है। इंग्लैंड ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विदेश से आने वाले लोगों के लिए होटल क्वारंटीन का नियम भी लागू किया है।
उधर, ब्रिटिश सरकार ने कहा कि जुलाई तक सभी बालिग व्यक्तियों का टीकाकरण कर दिया जाएगा, जबकि 15 अप्रैल तक पचास वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगा दी जाएगी। बता दें कि ब्रिटेन कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला पांचवां देश है। यहां अभी तक एक लाख 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
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