जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिका में बराक ओबामा के डेमोक्रेट प्रशासन में शामिल रहीं एक वरिष्ठ अधिकारी एलिसा आयरस ने कहा है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन भारत-अमेरिकी रिश्तों के समर्थक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन नई दिल्ली के साथ रक्षा-सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता देने की नीति बरकरार रखेगा। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में काफी प्रगति हुई।
बता दें कि ट्रंप ने भले ही अभी तक अपनी हार स्वीकार नहीं की है, लेकिन अमेरिकी मीडिया और वहां आए आंकड़ों के हिसाब से बाइडन 2020 का राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके हैं। ट्रंप कई कड़े मुकाबले वाले प्रांतों में कानूनी लड़ाई की बात कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ बता चुके हैं कि इसके विकल्प काफी कमजोर हैं। इस बीच, भारत-अमेरिकी रिश्तों पर अमेरिका में चल रही चर्चा को लेकर ओबामा प्रशासन में विदेशी संबंध परिषद में भारत-पाक और दक्षिण एशिया की विशेषज्ञ एलिसा आयरस ने बताया है कि नए राष्ट्रपति बाइडन द्वारा बताई गई प्राथमिकताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि बाइडन-हैरिस प्रशासन भारत को सबसे ज्यादा तवज्जो देने जा रहा है। वह भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा मामलों को उच्च प्राथमिकता वाली सूची में रखने जा रहे हैं। आयरस 2010-2013 के बीच दक्षिण एशियाई मामलों की उप विदेश मंत्री रह चुकी हैं।
हिंद-प्रशांत सुरक्षा पर बाइडन ने जापान, ऑस्ट्रेलिया व द. कोरिया के नेताओं से की चर्चा
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी शपथ से पहले ही नीतिगत मामलों में अपना रुख स्पष्ट करना शुरू कर दिया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, जापान के पीएम योशिहिदे सुगा और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन से फोन पर बात की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा कायम करने तथा समृद्धि पर जोर दिया। बाइडन की सत्ता हस्तांतरण टीम द्वारा जारी बयान के मुताबिक, उन्होंने मॉरिसन से महामारी से निपटने, जलवायु परिवर्तन और विश्व अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए काम करने पर भी चर्चा की। बता दें कि इन नेताओं ने बाइडन को जीत के बाद फोन पर शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने सुगा और मून के साथ अमेरिका की जापान व दक्षिण कोरिया से मजबूद साझेदारी की इच्छा जताई। बाइडन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा संकेत देती है कि यह क्षेत्र उनके लिए कितना अहम है।
आतंक पर कार्रवाई के लिए पाक पर दबाव डाल सकता है नया प्रशासन
पाक-अमेरिकी रिश्तों को लेकर बाइडन प्रशासन पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव डाल सकता है। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के ही पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने कही है। उन्होंने कहा, पाक के साथ रणनीतिक वार्ता प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जा सकता है लेकिन यह उस स्तर पर नहीं होगा जैसा ओबामा प्रशासन के दौरान हुआ था। उन्होंने कहा कि हो सकता है बाइडन प्रशासन इस्लामाबाद के प्रति कड़ा रुख अपनाए। हक्कानी ने कहा, इसकी संभावना नहीं है कि अमेरिका अब सुरक्षा मदद के रूप में पाकिस्तान को दोबारा धन देना शुरू करे।
व्हाइट हाउस में भूमिका के लिए हैरिस के पति ने छोड़ी नौकरी
नवनिर्वाचित अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के पति डगलस एमहॉफ ने राजनीति में नहीं जाने के दावे के बावजूद उन्होंने व्हाइट हाउस में भूमिका अदा करने के लिए अपनी लॉ फर्म की नौकरी छोड़ दी है। फिलहाल पत्नी कमला हैरिस को बाइडन द्वारा मिले टिकट के बाद से वे अपनी कानूनी फर्म डीएलए पाइपर से छुट्टी पर हैं। चुनाव अभियान के दौरान एमहॉफ का झुकाव राजनीति की तरफ हो गया। उन्होंने पत्नी के साथ इंस्टाग्राम पर अपनी फोटो साझा करते हुए लिखा, मुझे तुम पर गर्व है।
ट्रंप की खुफिया टीम की मदद के बिना ही आगे बढ़ रहे बाइडन
अभी तक चुनाव परिणाम को स्वीकार नहीं करने वाले ट्रंप ने जो बाइडन को दैनिक आधार पर मिलने वाली अति संवेदनशील खुफिया जानकारी तक पहुंच नहीं दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा व खुफिया विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ट्रंप अपना मन बदलेंगे। इस संबंध में कई रिपब्लिकन नेताओं ने भी ट्रंप से सकारात्मक उम्मीद जताई है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और अमेरिका विरोधी इसका लाभ उठा सकते हैं। लेकिन ट्रंप के अड़ियल रुख को देखते हुए बाइडन ने कहा, यह उपयोगी है लेकिन उतना जरूरी नहीं। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति से बात करने के उत्सुक हैं लेकिन वह आगे बढ़ते रहेंगे।
अलास्का में जीते ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप की अलास्का में जीत के साथ ही उनके 'इलेक्टोरल कॉलेज वोट' बढ़कर 217 हो गए हैं। इसके साथ ही 100 सदस्यीय अमेरिकी सीनेट में से 50 उनके नाम है। ट्रंप को यहां 56.9 प्रतिशत वोट मिले और डेमोक्रेटिक प्रत्याशी बाइडन को 39.1 प्रतिशत वोट मिले। हालांकि 543 में से 279 वोट लेकर बाइडन पहले ही विजेता घोषित किए जा चुके हैं।
बाइडन को राष्ट्रपति बनाने में अमित जानी की खास भूमिका
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत में 30 साल के भारतवंशी युवा अमित जानी ने अहम भूमिका निभाई है। न्यूजर्सी के अमित ने भारतीय-अमेरिकियों और एशियाई-अमेरिकियों को संगठित करने में एएपीआई के निदेशक के रूप में बड़े काम किए। जानी को पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थक माना जाता है और उनका जन्म गुजरात के राजकोट में हुआ। वे एक दशक से डेमोक्रेट राजनीति से जुड़े हुए हैं।
रॉन क्लेन बने व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ
जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे जो बाइडन ने अपने 31 वर्ष पुराने मित्र रॉन क्लेन को व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ बनाया है। 59 वर्षीय रॉन क्लेन कट्टर डेमोक्रेट और सख्त प्रशासक हैं। वह अमेरिका के नामी वकीलों में शुमार हैं और ओबामा की टीम में भी शामिल रहे हैं। बाइडन ने उनके नाम की घोषणा करते हुए कहा कि रॉन मेरे लिए बेशकीमती सहयोगी हैं।