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सऊदी अरब की यात्रा पर जाएंगे जो बाइडेन, कभी सऊदी प्रिंस सलमान से फोन पर बात करने से भी था इनकार

jantaserishta.com
3 Jun 2022 3:44 PM GMT
सऊदी अरब की यात्रा पर जाएंगे जो बाइडेन, कभी सऊदी प्रिंस सलमान से फोन पर बात करने से भी था इनकार
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नई दिल्ली: तेल की बढ़ती कीमतें अमेरिकी राष्ट्रपति की डेमोक्रेटिक पार्टी के भविष्य के लिए खतरा पैदा कर रही है जिसे देखते हुए जो बाइडेन ने एक अहम फैसला लिया है. सऊदी अरब के जिस क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन सलमान को पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं और जिनसे फोन पर भी बात करने से बाइडेन ने इनकार कर दिया था, अब वो उनसे मिलने वाले हैं.

सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडेन इस महीने के अंत में नेटो और जी-7 देशों की बैठक के सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर जाएंगे. अपनी इस यात्रा के दौरान वो सऊदी अरब की यात्रा पर जाने वाले हैं.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी इस यात्रा के दौरान बाइडेन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिलेंगे. जो बाइडेन के सत्ता में आने के बाद से ही सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं और खाड़ी देश रूस का करीबी होता जा रहा है. बाइडेन सऊदी अरब को खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर निशाना बनाते रहे हैं.
सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या के लिए बाइडेन प्रिंस सलमान को दोषी मानते हैं. बाइडेन प्रशासन ने एक रिपोर्ट भी जारी की थी जिसमें जमाल खाशोज्जी की हत्या के लिए प्रिंस सलमान को जिम्मेदार बताया गया था.
बाइडेन के सत्ता में आने के बाद ही राष्ट्रपति कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया था कि अमेरिका केवल सऊदी के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज से ही वार्ता करेगा. सऊदी के किंग के फैसलों पर हालांकि मोहम्मद बिन सलमान का ही प्रभाव है. लेकिन अमेरिका को अब अपने रुख में बदलाव करने की नौबत आ गई है.
बाइडेन के शासनकाल में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में भारी उछाल हो रहा है जिसे लेकर उन्हें लोगों की असंतुष्टि का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच उनकी सरकार ने सऊदी अरब से कई बार अपील की है कि वो कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाए जिससे तेल की कीमतों पर नियंत्रण किया जा सके लेकिन सऊदी अरब किसी तरह के दबाव में आने को तैयार नहीं है.
तेल की कीमतों को कम करने का दबाव झेल रहे बाइडेन को अंततः सऊदी अरब को लेकर अपने रुख में बदलाव की जरूरत पड़ रही है और क्राउन प्रिंस सलमान से मिलने के लिए तैयार हैं.
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी ने पहले कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने से मना कर दिया था लेकिन अपने पश्चिमी सहयोगियों को सऊदी ने संकेत दिया है कि वो कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा सकता है.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद गुरुवार को एशियाई कारोबार में तेल 113 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गया. तेल की कीमत में ये कमी तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस की मासिक बैठक से पहले हुई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में सदस्य देश जुलाई के लिए कच्चे तेल के उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी कर सकते हैं.
फाइनेंशियल टाइम्स ने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूसी तेल उत्पादन में आई भारी गिरावट के बाद सऊदी अरब कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा सकता है.
सऊदी अरब ने पहले ये कहा था कि वो कच्चे तेल के उत्पादन को नहीं बढ़ाएगा क्योंकि फिलहाल पर्याप्त मात्रा में उत्पादन हो रहा है. तेल की कमी इस साल के अंत तक बेहद खराब स्थिति में पहुंच सकती है जिसे देखते हुए तेल रिजर्व रखने की जरूरत है.
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