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जो बाइडन ने शुक्रवार को आपातकालीन कोष से शरणार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 100 मिलियन डॉलर (10 करोड़ डॉलर) अधिकृत किया है।
विदेशी सेनाओं के अफगानिस्तान से जाने के बाद आतंकी संगठन तालिबान ने देश की सरकार के खिलाफ मोर्चा खेल दिया है। तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच लड़ाई चल रही है। वहीं, जो बाइडेन ने अफगान राष्ट्रपति से की फोन पर बात, निरंतर अमेरिकी समर्थन का दिया आश्वासननी को अमेरिकी राजनयिक और मानवीय समर्थन का आश्वासन दिया है।
व्हाइट हाउस ने बताया कि इसको लेकर राष्ट्रपति बाइडन और अशरफ गनी के बीच फोन पर बात हुई है। इस दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए है कि तालिबान का हमला शांति समझौते का उल्लंघन है। बाइडन ने गनी से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका न्यायपूर्ण राजनीतिक समझौते के समर्थन में राजनयिक रूप से जुड़ा रहेगा।
बाइडन ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन के खत्म होने की घोषणा की है। 11 सितंबर, 2001 को अल कायदा द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमला करने के बाद से अमेरिका ने अपनी सेना को अफगानिस्तान में तैनात किया था। अप्रैल में अमेरिकी सेनाओं की वापसी की घोषणा के बाद से अफगानिस्तान में हिंसा में तेजी हुई है। आतंकी संगठन तालिबान ने कई जिलों और महत्वपूर्ण सीमाओं को अपने कब्जे में ले लिया है। अफगानिस्तान के लगभग आधे जिला केंद्रों पर तालिबान का नियंत्रण है।
संयुक्त राज्य अमेरिका विशेष आव्रजन वीजा (एसआईवी) के तहत हजारों अफगानी नागरिकों को देश से निकालने की तैयारी कर रहा है। इन लोगों को तालिबान से खतरा है, क्योंकि ये अफगानिस्तान में अमेरिकी सरकार के लिए काम करते थे। अफगानियों और उनके परिवारों के पहले दल को इस महीने के अंत से पहले वर्जीनिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे फोर्ट ली के लिए रवाना किए जाने की उम्मीद है। जो बाइडन ने शुक्रवार को आपातकालीन कोष से शरणार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 100 मिलियन डॉलर (10 करोड़ डॉलर) अधिकृत किया है।
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