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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आव्रजन संबंधी तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आव्रजन संबंधी तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के आदेशों को भी पलटते हुए कहा कि अब देश में निष्पक्ष, मानवीय और सुव्यवस्थित कानूनी प्रणाली का राज होगा। बता दें कि ट्रंप की सख्त नीतियों में बच्चों की उनके परिवारों से दूर करने की देशभर में आलोचना हो चुकी है।
मौजूदा नीतियों की समीक्षा बाइडन प्रशासन के 60 से 180 दिनों के निर्धारित कार्य एजेंडे का हिस्सा है जिससे अमेरिका में अपना भविष्य तलाश रहे हजारों भारतीय पेशेवरों को लाभ होगा। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और गृह सुरक्षा मंत्री एलेजांद्रो मयोर्काज की मौजूदगी में कार्यकारी आदेशों पर दस्तखत करते हुए बाइडन ने कहा, मैं कोई नया कानून नहीं बना रहा हूं, बल्कि मैं खराब नीति को खत्म कर रहा हूं।
उन्होंने कहा, इन कार्यकारी आदेशों का मकसद आव्रजन प्रणाली को मजबूत करना है, ड्रीमर्स और मुस्लिम प्रतिबंध की रक्षा करना तथा देश की सीमाओं का बेहतर प्रबंधन करना है। बाइडन ने कहा, आज हम पिछली सरकार के नैतिक और राष्ट्रीय शर्म से भरे कानून को पूर्ववत करने जा रहे हैं।
इन तीन आदेशों पर किए दस्तखत
पहला कार्यकारी आदेश गृह सुरक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक कार्यबल बनाने का है, जो परिवारों को फिर से संगठित करने के लिए काम करेगा। इससे ट्रंप प्रशासन द्वारा अलग किए गए माता-पिता और बच्चों को मिलाया जा सकेगा। दूसरा कार्यकारी आदेश सीमाओं के पार प्रवासन के मूल कारणों का पता लगाएगा ताकि मानवीयता आधारित शरण प्रणाली बनाई जा सके। जबकि तीसरा कार्यकारी आदेश आप्रवासी एकीकरण और समावेश को बढ़ावा देते हुए यह सुनिश्चित करेगा कि हमारी कानूनी आव्रजन प्रणाली कानून और नीतियों के तहत निष्पक्ष ढंग से संचालित होती है।
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