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फाइल फोटो
खाने पीने के सामान और राशन की किल्लत हो तो मुश्किल हालातों में बड़े लोग तो जैसे तैसे एक टाइम खाकर या कभी भूखे रहकर गुजारा कर लेंगे लेकिन क्या होगा जब नवजात बच्चों को दिए जाने वाले बेबी फूड की कमी अचानक पूरे देश में देखने को मिले.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खाने पीने के सामान और राशन की किल्लत हो तो मुश्किल हालातों में बड़े लोग तो जैसे तैसे एक टाइम खाकर या कभी भूखे रहकर गुजारा कर लेंगे लेकिन क्या होगा जब नवजात बच्चों को दिए जाने वाले बेबी फूड की कमी अचानक पूरे देश में देखने को मिले. ऐसे में नन्हें मुन्ने बच्चों के पैरेंट्स का परेशान होना लाजिमी है. कुछ ऐसा ही संकट अमेरिका में देखने को मिल रहा है जहां बेबी फॉर्मूला यानी बच्चों के दूध और अन्य बेबी फूड की कमी के चलते स्टोर्स खाली पड़े हैं.
सबसे शक्तिशाली देश में ऐसा संकट
अमेरिका के लगभग सभी राज्यों में कमोबेश एक जैसा हाल है. माता-पिता अपने बच्चों के लिए बेबी फूड (शिशु आहार) खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में देश के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने प्रशासन को इस संकट का जल्द से जल्द समाधान ढूढ़ने के लिए फौरन जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं. ताकि देशभर के मासूम बच्चों को सुरक्षित आहार मुहैया कराया जा सके.
क्यों हुआ संकट?
दरअसल 17 फरवरी को फॉर्मुला मिल्क बनाने वाली देश की कंपनी एबॉट (Abbott) ने अपने फॉर्मूला मिल्क प्रोडक्ट्स में शिकायत आने के बाद उसे एहतियातन बाजार से वापस बुला मंगा लिया था. Abbott ने मिशिगन स्थित अपनी फैक्ट्री के प्रोडक्ट में बैक्टीरिया मिलने की शिकायत आने के बाद उठाया था. तब इस दूध की वजह से चार बच्चों के बीमार होने और दो बच्चों की मौत हो गई थी. उसी दौरान कंपनी ने इसका प्रोडक्शन भी फिलहाल बंद दिया था.
इस घटनाक्रम की वजह से पूरे देश में फॉर्मूला मिल्क का संकट एक साथ बढ़ गया. वहीं इस संकट को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन ने Wal-Mart, Target, Reckitt, और Gerber जैसी फॉर्मूला मिल्क बनाने वाली कंपनियों से बात करते हुए सुरक्षित प्रोडक्ट को जल्द से जल्द बाजार तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. ताकि जल्द से जल्द इस देशव्यापी संकट का समाधान किया जा सके.
क्या होता है फॉर्मूला मिल्क?
बता दें कि एक साल से कम उम्र के नवजात बच्चों को फॉर्मूला मिल्क (Formula Milk) पिलाया जाता है. जब किसी शारिरिक समस्या की वजह से कोई मां स्तनपान नहीं करवा पाती है, खासकर उस स्थिति में बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिलाया जाता है. लेकिन यहां इसकी भारी कमी हो गई है. कई बड़ी कंपनियों ने इसकी बिक्री सीमित कर दी है.
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