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इस दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए है कि तालिबान का हमला शांति समझौते का उल्लंघन है।
अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने वहां की सेना को खुद के लिए लड़ने की सलाह दी है। बाइडन ने मंगलवार को कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में जिस तरह से अफगानिस्तान के कई शहरों में तालिबान काबिज हो रहा है उसे देखते हुए वहां की सेना को अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के अपने फैसले पर उन्हें किसी तरह का पछतावा नहीं है। बता दें कि बाइडन ने इस माह के अंत तक अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान में अपने मिशन को खत्म करने का निर्देश दिया था।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाइडन ने कहा, 'हमने 20 सालों में अरबों रुपये खर्च किए। 300,000 से अधिक अफगान के सैनिकों को हमने आधुनिक हथियारों के साथ प्रशिक्षित किया और अब अफगान के नेताओं को एकजुट होना होगा। उन्हें अपने लिए और देश के लिए लड़ना होगा।' बाइडन ने वहां के एयरफोर्स के संचालन पर जोर दिया और कहा, 'अमेरिका की ओर से अफगान सेना को लगातार हथियारों, भोजन समेत अन्य सहयोग भी मिलता रहेगा।' अमेरिका के सेंट्रल कमांड ने बताया कि 95 फीसद से अधिक सेनाओं की वापसी हो चुकी है। पिछले सोमवार को अफगान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने संसद में कहा था कि हालात को बदलने के लिए काबुल के पास 6 महीने की सुरक्षा योजना थी। उन्होंने हालात खराब होने का आरोप अमेरिकी सेना की वापसी पर लगाया।
तालिबान ने मंगलवार को फराह सिटी पर कब्जे का दावा किया। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया था कि अफगानिस्तान मेंसुरक्षा हालात अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी को अमेरिकी राजनयिक और मानवीय समर्थन का आश्वासन दिया है। पिछले माह राष्ट्रपति बाइडन और अशरफ गनी के बीच फोन पर वार्ता हुई थी। इस दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए है कि तालिबान का हमला शांति समझौते का उल्लंघन है।
Neha Dani
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