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चीन की 28 अन्य फर्मों को जो बाइडन ने किया ब्लैकलिस्ट, निवेश पर भी लगाई रोक

Neha Dani
5 Jun 2021 1:46 AM GMT
चीन की 28 अन्य फर्मों को जो बाइडन ने किया ब्लैकलिस्ट, निवेश पर भी लगाई रोक
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इससे अमेरिकी निवेशकों समेत वैश्विक निवेशकों के हितों की काफी नुकसान पहुंचेगा।

व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के सैन्य-औद्योगिक परिसर से जुड़ी अतिरिक्त 28 फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर उनमें अमेरिकी निवेश रोक दिया है। इसके तहत ट्रंप कार्यकाल में प्रतिबंधित 31 फर्मों की काली सूची को बढ़ाकर 59 कर दिया गया है। बाइडन ने इस संबंध में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसे चीन पर अमेरिकी दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

ट्रंप ने रोका था 31 चीनी कंपनियों में निवेश, अब कुल 59 फर्में प्रतिबंधित
व्हाइट हाउस ने बताया, नई कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि निगरानी तकनीक से जुड़ी चीनी कंपनियां दमन या गंभीर मानवाधिकारों के हनन में शामिल पाई गई हैं। ऐसे में इनमें निवेश करके बढ़ावा देने से अमेरिका और हमारे सहयोगियों की सुरक्षा व लोकतांत्रिक मूल्य कमजोर होते हैं। नया कार्यकारी आदेश दो अगस्त से प्रभावी होगा और इसमें संचार दिग्गज हुवावे समेत 59 फर्में शामिल होंगी। कंपनियों की इस सूची को रोटेशन के आधार पर अपडेट किया जाएगा।
नए आदेश के तहत, अमेरिकी निवेशकों को चाइना जनरल न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन, चाइना मोबाइल लिमिटेड और कोस्टार ग्रुप समेत अन्य कंपनियों के लिए सार्वजनिक रूप से कारोबार वाली प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस कार्रवाई से चीन को काफी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
चीन को लेकर ट्रंप की राह पर बाइडन
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में प्रकाशित प्रारंभिक सूची में प्रमुख दूरसंचार, निर्माण व प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल थीं। इनमें चाइना मोबाइल, चाइना टेलीकॉम, वीडियो निगरानी फर्म हिकविजन और चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन कॉर्प शामिल थे। जबकि जो बाइडन ने जिन 28 कंपनियों को शामिल किया है वे पुरानी सूची का विस्तार कार्यक्रम हैं। इससे पता चलता है कि बाइडन भी चीन को लेकर ट्रंप की राह पर हैं।
दोनों देशों के रिश्तों में तनाव
बाइडन प्रशासन द्वारा चीन की 59 कंपनियों को काली सूची में डालने से दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक बार फिर तनाव आना तय है। अमेरिकी आदेश जारी होने से पहले बीजिंग ने ट्रंप युगीन काली सूची को लेकर अपनी नाराजगी दोहराई थी। चीन ने कहा था कि ट्रंप के समय की काली सूची राजनीति से प्रेरित थी और इसमें शामिल फर्मों की वास्तविक स्थिति की अनदेखी की गई थी।
चीन बौखलाया, कहा- बाजार नियम कमजोर करते हैं प्रतिबंध
अमेरिका द्वारा चीन के सैन्य-औद्योगिक परिसर से जुड़ी अतिरिक्त कंपनियों को काली सूची में डालने पर चीनी विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बौखलाते हुए कहा है कि ये प्रतिबंध सामान्य बाजार नियमों और व्यवस्था को गंभीर रूप से कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा, इससे अमेरिकी निवेशकों समेत वैश्विक निवेशकों के हितों की काफी नुकसान पहुंचेगा।

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