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ताइवान के साथ फिर खड़े हुए जो बाइडन, चीन हो जाएगा आगबबूला

Neha Dani
20 Sep 2022 1:57 AM GMT
ताइवान के साथ फिर खड़े हुए जो बाइडन, चीन हो जाएगा आगबबूला
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ताइवान की जवाबी हस्तक्षेप क्षमताओं को बढ़ाने में रक्षा फंड के तहत अरबों डॉलर देगा.

अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के हालिया बयान से संबंध और बिगड़ने तय हैं. बाइडेन ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करने की कोशिश करता है, तो अमेरिका उसकी रक्षा करेगा. चीन ताइवान पर अपना दावा करता है.


सीबीएस न्यूज पर प्रसारित 60 मिनट्स प्रोग्राम में बाइडन से पूछा गया कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या अमेरिकी बल, अमेरिकी पुरुष व महिलाएं उसकी रक्षा करेंगे? इसका जवाब बाइडेन ने हां में दिया. सीबीएस न्यूज ने बताया कि इंटरव्यू के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.

चीन ने समुद्र में दागी थी मिसाइलें

इस नीति के तहत अमेरिका का मानना है कि ताइवान का मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन नीति यह नहीं बताती कि अगर चीन हमला करता है तो अमेरिकी बलों को भेजा जा सकता है या नहीं. बाइडेन का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने समुद्र में मिसाइल दागकर और आसपास के इलाकों में लड़ाकू विमान उड़ाकर ताइवान को धमकाने की कोशिश की है. पिछले दिनों अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने ताइवान की यात्रा की थी, जिसके बाद चीन और भड़क गया था.

विधेयक पर भड़का चीन

हाल ही में चीन ने अमेरिकी सीनेट की ओर से ताइवान को रक्षा सहयोग में बढ़ोतरी से संबंधित विधेयक को मंजूरी देने पर नाखुशी जताई थी. चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर 'वन-चाइना' के सिद्धांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उल्लंघन करने और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था.

'गंभीर होंगे परिणाम'

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, वन-चाइना पॉलिसी चीन-अमेरिका के संबंधों का राजनीतिक आधार है. अगर बिल पर विचार-विमर्श जारी रहा, इसे मंजूरी दी गई या इस पर दस्तखत किए गए तो यह चीन-अमेरिका की राजनीतिक नींव को हिलाकर रख देगा. जबकि ताइवान जलडमरूमध्य में दोनों देशों के बीच संबंधों, शांति और स्थिरता की नजरिए से गंभीर परिणाम होंगे.

ताइवान नीति अधिनियम 2022, ताइवान की सुरक्षा और उसके आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन को मंजूरी देता है और इसके तहत अमेरिका, ताइवान की जवाबी हस्तक्षेप क्षमताओं को बढ़ाने में रक्षा फंड के तहत अरबों डॉलर देगा.


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