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जापानी अधिकारी नहीं होंगे बीजिंग ओलंपिक में शामिल, कई अन्य देशों ने भी किया मना

Gulabi
24 Dec 2021 11:40 AM GMT
जापानी अधिकारी नहीं होंगे बीजिंग ओलंपिक में शामिल, कई अन्य देशों ने भी किया मना
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जापान की सरकार ने साल 2022 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक में कैबिनेट मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं भेजने का मन बनाया है
जापान की सरकार ने साल 2022 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक में कैबिनेट मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं भेजने का मन बनाया है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा ने जापान के इस फैसले का समर्थन करते हुए स्वागत किया है। इन सभी देशों ने चीन के मानवाधिकार रिकार्ड पर खेलों के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है। हालांकि, जापानी एथलीट फरवरी में आयोजित होने वाले खेलों में भाग लेंगे।
खुले तौर पर कोई घोषणा नहीं
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा, चीन की सरकार को सीधे तौर पर चुनौती नहीं देना चाहते। जिसके चलते उन्होंने खुले तौर पर किसी भी तरह की योजना के बारे में कोई घोषणा नहीं की हैं। आपको बतादें, जापान और चीन राजनयिक संबंधों के सामान्यीकरण होने के बाद साल 2022 में 50 वीं वर्षगांठ मनाएंगे। वहीं आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा के साथ अमेरिका ने भी चीन के मानवाधिकार रिकार्ड का हवाला देते हुए ओलंपिक खेलों में नहीं शामिल होने का फैसला किया है।
विवादों के साए में बीजिंग ओलंपिक
गौरतलब है कि, साल 2022 में आयोजित बीजिंग ओलंपिक खेल विवादों के साए में है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शिनजियांग, हांगकांग और तिब्बत में मौजूदा स्थिति को लेकर विश्व संगठनों से खेलों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। वहीं, जापान की सरकार ने बीजिंग खेलों में वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं भेजने का फैसला किया है। उन्होंने शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है। पिछले हफ्ते, जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने कहा था कि उनकी 2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने की कोई योजना नहीं है।
खेलों के राजनयिक बहिष्कार का क्या है अर्थ
किसी भी आयोजन का राजयनिक बहिष्कार वह होता है जिसमें किसी देश से आधिकारिक तौर पर कोई राजनयिक शामिल न हो। शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार का मतलब है कि बीजिंग ओलंपिक खेलों में अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और कनाडा के कोई अधिकारी शामिल नहीं होंगे। इस खेलों का पूर्ण बहिष्कार नहीं है, क्योंकि अधिकारियों के नहीं रहने से खिलाड़ियों की खेल भावना पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि चीन से एलएशी पर विवाद होने के बावजूद भारत ने इस तरह की कोई घोषणा नहीं की है।
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