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अभ्यास कर रही जापान की सेना, सैकड़ों सैनिकों ने चलाईं मशीन गन, दागे गोले

Neha Dani
6 Dec 2021 9:58 AM GMT
अभ्यास कर रही जापान की सेना, सैकड़ों सैनिकों ने चलाईं मशीन गन, दागे गोले
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साथ ही इसके लिए दूसरे कई विकल्पों पर भी विचार होगा.

जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइदो में सोमवार को सैन्य अभ्यास के दौरान दर्जनों टैंक और सैकड़ों सैनिकों ने गोले दागे और मशीन गन चलाईं. जापान ने 'सेल्फ डिफेंस फोर्स' (Self Defence Force) के सैन्य अभ्यास का मीडिया के समक्ष प्रदर्शन किया है. यह सैन्य प्रदर्शन ऐसे समय में किया जा रहा है, जब रूस और चीन की सेनाओं ने जापान के क्षेत्र के आसपास अपनी गतिविधियां हाल में बढ़ा दी हैं. विदेशी पत्रकारों को जापान के सैन्य अभ्यासों को देखने का अवसर दुर्लभ ही मिलता है.

यह अभ्यास नौ दिन तक चलेगा और इसमें 'ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स' के करीब 1,300 बल भाग लेंगे. टैंकों ने सोमवार को अपने लक्ष्यों पर निशाना साधा. जापान का शांतिवादी संविधान (Japan Constitution) उस समय लिखा गया था, जब द्वितीय विश्व युद्ध में हुई तबाही की यादें और जख्म ताजा थे, लेकिन जापान समग्र सैन्य ताकत के मामले में अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद पांचवें नंबर पर है.
क्यों निंदा करते हैं पड़ोसी देश?
जापान के अतीत के सैन्य कदमों के कारण अब भी उसके कई पड़ोसी देश उसकी निंदा करते हैं और घरेलू स्तर पर भी शांतिवाद प्रबल है, ऐसे भी जापान में किसी भी प्रकार का सैन्य विकास विवादास्पद है (Japan Soldiers Military Exercise). इसके बावजूद जापान हर साल अरबों डॉलर सैन्य विकास पर खर्च कर रहा है और उसके पास करीब 1,000 युद्धक विमान, दर्जनों विध्वंसक और पनडुब्बियां हैं. तोक्यो स्थित ताकुशोकू विश्वविद्यालय में 'इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड स्टडीज' के प्रोफेसर एवं रक्षा विशेषज्ञ हेगो सातो ने कहा, 'जापान कई मोर्चों से विभिन्न जोखिमों का सामना कर रहा है.'
क्या बोल रहे हैं आलोचक?
जापान के पड़ोसी देश और जापान में मौजूद आलोचक भी जापान से अतीत से सबक लेने और सैन्य विस्तार नहीं करने का आग्रह कर रहे हैं, लेकिन सैन्य शक्ति प्रदर्शन के समर्थकों का कहना है कि चीन (China), रूस (Russia) और उत्तर कोरिया (North Korea) की गतिविधियों के मद्देनजर यह विस्तार करना अहम है. इससे कुछ दिन पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने चीन और उत्तर कोरिया के खतरे का जिक्र करते हुए कहा था कि जापान की सैन्य क्षमता को बढ़ाया जाएगा. साथ ही इसके लिए दूसरे कई विकल्पों पर भी विचार होगा.


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