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फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का पानी समुद्र में डालेगा जापान, आखिर क्यों डर रहे हैं चीन और दूसरे देश?

Neha Dani
15 Nov 2021 9:56 AM GMT
फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का पानी समुद्र में डालेगा जापान, आखिर क्यों डर रहे हैं चीन और दूसरे देश?
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर आईएईए के विशेषज्ञ यह पुष्टि कर सकेंगे कि जल निकासी सुरक्षित हो.’

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी का एक दल क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के उपचारित रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोड़ने की तैयारी का आकलन करने के लिए सोमवार को जापान पहुंचा है (UN Team in Japan). जापान के अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की टीम के विशेषज्ञ जापानी अधिकारियों से मिलेंगे और पानी को योजनाबद्ध तरीके से छोड़े जाने की तकनीकी पर विस्तृत चर्चा करने के लिए फुकुशिमा दाइची संयंत्र का दौरा करेंगे.

जापान सरकार और 'टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स' संयंत्र के संचालक ने अप्रैल 2023 में उपचारित रेडियोधर्मी पानी को धीरे-धीरे छोड़ना शुरू करने की योजना की घोषणा की है, ताकि सैकड़ों भंडारण टैंक को हटाने और नष्ट संयंत्र को बंद करने की व्यवस्था हो पाए (Fukushima Nuclear Plant Contaminated Water). इस योजना का मछुआरों, स्थानीय निवासियों और चीन एवं दक्षिण कोरिया सहित जापान के कुछ पड़ोसी देशों ने कड़ा विरोध किया है. इनका कहना है कि प्रदूषित पानी को समुद्र में डालने से ना केवल सी-फूड की बिक्री प्रभावित होगी बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी ठीक नहीं है.
2011 में सुनामी ने मचाई थी तबाही
साल 2011 में भूकंप और सुनामी आने के बाद फुकुशिमा दाइची संयंत्र में तीन बार 'मेल्टडाउन' की घटना हुई थी. इस प्रक्रिया में ईंधन अत्यधिक गर्म हो जाता है और वह संयंत्र के कोर या कवच को पिघला देता है (Radioactive Water Fukushima). जापानी अधिकारियों का कहना है कि संयंत्र को बंद करने के लिए पानी को निकालना आवश्यक है और पानी को समुद्र में छोड़ा जाना सबसे यथार्थवादी एवं उचित विकल्प है. जापान की सरकार ने अप्रैल में कहा था कि वह सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए एक केंद्र बनाने के बाद दो वर्षों में जल को छोड़ना शुरू करेगी. सरकार ने कहा कि सारे रेडियोधर्मी तत्वों को हटाने के लिए पानी को खास तरीके से साफ किया जाएगा.
जापान के साथ समझौते पर सहमति जताई
जापान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) से कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करे और सहयोग करे और पर्यावरणीय निगरानी अभियानों के दौरान मौजूद रहे. जिसके बाद वियना स्थित आईएईए ने कहा था कि टोक्यो के साथ 'समझौतों' पर वह सहमत है और इस वर्ष में जापान के पहले समीक्षा मिशन पर जा सकती है (Japan Nuclear Disaster). एजेंसी ने कहा था, 'जापान को अपनी योजना को लागू करने की निगरानी एवं समीक्षा में आईएईए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर आईएईए के विशेषज्ञ यह पुष्टि कर सकेंगे कि जल निकासी सुरक्षित हो.'


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