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भारत में संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में सहयोग देने के लिए सिंगापुर का बड़ा योगदान रहा है।
भारत में संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में सहयोग देने के लिए सिंगापुर का बड़ा योगदान रहा है। इसके अलावा शुक्रवार को जापान भी भारत के समर्थन में कूद पड़ा है। जापान ने महामारी से संघर्ष के लिए पांच करोड़ डॉलर के सहायता पैकेज में भारत को 1.48 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सामग्री देने का फैसला लिया है।
उधर, सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त पी. कुमारन ने बताया कि सिंगापुर निश्चित ही जरूरी मेडिकल आपूर्तियों के स्रोत के रूप में भारतीय उच्चायोग के लिए व्यापार व साजो-सामान केंद्र के तौर पर अहम साबित हुआ है।
उन्होंने व्यापार-उद्योग मंत्रालय और भारत के लिए एंटरप्राइज सिंगापुर जैसी एजेंसियों की सराहना की और बताया कि उन्होंने अपने डाटा संग्रह व संपर्कों का इस्तेमाल कर उच्चायोग को बताया कि कहां से जरूरी चीजें मिल सकती हैं।
कुमारन ने कहा, सिंगापुर के सहयोग के चलते हम ऑस्ट्रेलिया व अन्य एशियाई देशों से सामग्री सिंगापुर ला पाए और उन्हें भारतीय जहाजों और विमानों सेभारत पहुंचा पाए।
भारत में दूसरी लहर से कई देशों में प्रभावित हुई टीका आपूर्ति
भारत में कोरोना संकट के चलते टीके के न्यायसंगत वितरण के लिए डब्ल्यूएचओ समर्थित 'कोवाक्स पहल' के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की दुनियाभर में आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की शीर्ष सांसद समांथा पॉवर ने कही।
उन्होंने बताया कि टीकों की आपूर्ति इस कदर प्रभावित हुई है कि दुनिया के कई हिस्सों में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है और दूसरी खुराक उपलब्ध नहीं है। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट को जून अंत तक टीके की 14 करोड़ खुराकें देनी थीं लेकिन यह आपूर्ति घरेलू परेशानी से प्रभावित हुई है।
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