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18 मिरर्स ने खींची एक ही तारे की फोटो
पिछले साल दिसंबर में अंतरिक्ष में भेजा गया दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप 'जेम्स बेव स्पेस टेलीस्कोप' (James Webb Space Telescope) वहां खुद को सेटअप कर रहा है। इस टेलीस्कोप की ऑब्जर्वेट्री के 18-सेगमेंट वाले प्राइमरी मिरर्स (दर्पणों) को एक सीध (aligning) में करने की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा होने वाला है। यह प्रक्रिया कई महीनों से चल रही है, जिसे 'सेगमेंट इमेज आइडेंटिफिकेशन' के रूप में जाना जाता है। बहरहाल, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अपने 18 प्राइमरी मिरर्स सेगमेंट्स के साथ हेक्सागोनल फॉर्मेशन में एक ही तारे की 18 अनफोकस्ड इमेज रिकॉर्ड की हैं। यह विजुअल्स पर ज्यादा फोकस करने में मदद करेगा। सभी 18 प्राइमरी मिरर्स सेगमेंट्स ने डॉट्स के रूप में तारे की तस्वीर खींची। आखिर में इसे एक सिंगल, शार्प और फोकस्ड इमेज में तैयार किया जाएगा।
फिलहाल इसके हेक्सागोनल पैटर्न को सामने लाया गया है। NASA Webb Telescope के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस बारे में जानकारी दी गई है। पिछले हफ्ते यह कन्फर्म हुआ था कि टेलीस्कोप के सभी 18 मिरर सेगमेंट स्टारलाइट को देख सकते हैं। अब एक अपडेट में नासा (NASA) ने बताया है कि टीम अब अलाइनमेंट के सेकंड फेज में आगे बढ़ गई है। इस फेज में मिरर सेगमेंट की पोजिशन से जुड़ी गलतियों को ठीक किया जाएगा। साथ ही सेकंडरी मिरर के एलाइनमेंट अपडेट होंगे। इससे स्टारलाइट के हरेक डॉट पर अधिक फोकस किया जा सकेगा। इसके बाद टीम तीसरे फेज में आगे बढ़ेगी।
He(X)agon marks the spots 🏴☠️
— NASA Webb Telescope (@NASAWebb) February 18, 2022
Last week, 18 spots helped confirm that each of Webb's mirror segments can see starlight. Now we've arranged those dots into our primary mirror shape, completing the first of Webb's mirror alignment phases: https://t.co/T3pf68Cfvj #UnfoldTheUniverse pic.twitter.com/dYzPqg0EJv
हालांकि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ली गईं इमेजेस अभी उतनी आश्चर्यजनक नहीं हैं, लेकिन जल्द यह आब्जर्वेट्री अपने हाई-रेजॉलूशन इक्विपमेंट की मदद से अंतरिक्ष के रहस्यों को सामने लाएगी। 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का बनाया गया सबसे बड़ा टेलीस्कोप है। इसका मकसद खगोलविदों को सफल खोजों में मदद करना है। हबल टेलीस्कोप की तुलना में इसे ब्रह्मांड में गहराई से देखने और 13.5 अरब साल पहले तक की घटनाओं का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे पिछले साल 25 दिसंबर को फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किया गया था।
फिलहाल हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है। पिछले 30 साल से इसने खगोलविदों को बड़ी जानकारियां दी हैं। काफी समय हो जाने की वजह से इसे बदलने की जरूरत महसूस की गई थी। हबल प्रोजेक्ट को पूरा करने में नासा और ESA (यूरोपियन स्पेस एजेंसी) दोनों की भूमिका थी।
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