अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) का अंतिम मिरर पैनल शनिवार को पूरी तरह से खुल गया। फूल की आकृति का सोने से बना यह पैनल खुलने के बाद टेलीस्कोप अंतरिक्ष में पूरी तरह से तैनात हो गया है। टेलीस्कोप के संचालन में यह अंतिम बड़ी बाधा थी। अब जेम्स वेब टेलिस्कोप ब्रह्मांड के इतिहास के हर चरण का अध्ययन करने को तैयार है। नासा ने ट्वीट कर कहा, 'आखिरी विंग तैनात हो गया है।'
21 फुट लंबे इस पैनल को टेलीस्कोप की 'गोल्डन आई' कहा गया है। मिशन चीफ थामस जुरबुचेन ने कहा, 'मैं आकाश में इस खूबसूरत टेलीस्कोप को देख भावुक हूं। यह अद्भुत है और अंतरिक्ष के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। यह जल्द ही काम करना भी शुरू कर देगा। 10 अरब डालर की लागत से बना यह टेलीस्कोप हबल स्पेस टेलीस्कोप से अधिक शक्तिशाली है। यह 13.7 अरब साल पहले बने सितारों व आकाशगंगाओं का अध्ययन करने में सक्षम है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप दुनिया का सबसे शक्तिशाली टेलिस्कोप है जिसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है। इसमें एक गोल्डन मिरर लगा हुआ है जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है। यह मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है जिससे यह एक परावर्तक की तरह काम करता है।
अंतरिक्ष सौर कचरे से भरा हुआ है जो लगातार घूमता रहता है। साथ ही विशालकाय उल्कापिंड और धूमकेतु भी उपग्रहों के लिए एक बड़ा खतरा हैं। ऐसे में इस टेलिस्कोप को ऐसे खतरों से बचाने की जिम्मेदारी वैज्ञानिकों की होगी। अगर इसे कोई नुकसान नहीं हुआ तो यह 5 से 10 साल तक लगातार अपना काम करता रहेगा।
नासा ने बताया कि टेलिस्कोप को अंतरिक्ष में खोलना चुनौतीपूर्ण रहा जेम्स वेब को हबल टेलिस्कोप (Hubble Telescope) का उत्तराधिकारी माना गया है। 25 दिसंबर को फ्रेंच गुयाना (French Guiana) से एरियन 5 राकेट के जरिए इसे लांच किया गया था। इसके जरिए 13 बिलियन प्रकाशवर्ष दूर तक देखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। टेलिस्कोप के जरिए ब्रह्मांड के रहस्य पर से पर्दा हटेगा। जेम्स वेब टेलिस्कोप को पृथ्वी और चांद से दूर तैनात किया गया है।