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बताया कि भारत और अफ्रीका का व्यापार और सहयोग लगातार बढ़ रहा है और यह सही रास्ते पर है।
भारत ने अफ्रीका महाद्वीप के देशों का समर्थन बिना शर्त और छिपे हुए उद्देश्य के बगैर किया है। भारत का यह रुख दशकों से बना हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर कटाक्ष करते हुए यह बात सुरक्षा परिषद की खुली बहस में कही है। इसमें संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकन यूनियन के संबंधों पर बहस हो रही थी।
सुरक्षा परिषद में चीनी प्रतिनिधि की मौजूदगी में जयशंकर ने कहा, भारत ने अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं, उनकी सहूलियत और इच्छा को ध्यान में रखते हुए साथ कार्य किया है। हमारा विश्वास है कि अफ्रीका का विकास वास्तविक और सही मायनों में बहुध्रुवीय व्यवस्था वाली मान्यता के अनुसार होना चाहिए। भारत अफ्रीकी देशों के इस तरह के विकास में सहयोग देने के लिए संकल्पबद्ध है। विदेश मंत्री ने कहा, भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ बिना शर्त कार्य किया है। भारत की अफ्रीका के प्रति सद्भावना 41 अफ्रीकी देशों में चल रहीं 184 परियोजनाओं में देखी जा सकती है। इनमें से कुछ परियोजनाएं दशकों से चल रही हैं।
वैश्विक मंच से जयशंकर ने यह बयान चीन द्वारा छोटे देशों और अफ्रीका को कर्ज के जाल में फंसाने से दुनिया भर में फैली चिंताओं के बीच दिया है। बेल्ट एंड रोड अभियान के तहत चीन ने दुनिया के तमाम देशों को बुनियादी सेवाओं के विकास के लिए कर्ज बांटा है। कई छोटे देश उसके कर्ज के जाल में फंस गए हैं और वे चीन की शर्ते मानने के लिए विवश हैं। जयशंकर ने अपने भाषण में भारत द्वारा अफ्रीकी देशों को स्वास्थ्य, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए सहयोग का उल्लेख किया। बताया कि भारत और अफ्रीका का व्यापार और सहयोग लगातार बढ़ रहा है और यह सही रास्ते पर है।
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